साहित्य अकादमी ने अंग्रेजी के लिए डॉ शशि थरूर, हिंदी के लिए नंदकिशोर आचार्य, उर्दू के लिए प्रो शाफे किदवई और पंजाबी भाषा के लिए किरपाल कज़ाक समेत 23 भारतीय भाषाओं के रचनाकारों को वर्ष 2019 का प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा की है.
एक बयान में साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि अंग्रेजी में कथेतर गद्य ‘एन एरा ऑफ डार्कनेस’ के लिए कांग्रेस नेता एवं लोकसभा सदस्य थरूर को साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा जाएगा. उन्होंने बताया कि हिंदी में नंदकिशोर आचार्य को उनकी कविता ‘छीलते हुए अपने को’ के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. बयान के मुताबिक, ‘सवनेह-सर सैयद : एक बाज़दीद (जीवनी) के लिए किदवई को पुरस्कृत किया जाएगा.
प्रेस विज्ञप्ति: साहित्य अकादेमी ने आज 23 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादेमी पुरस्कार-2019 की घोषणा की। @prahladspatel, @pspoffice, @MinOfCultureGoI, @ksraosahitya, @PIB_India, @MIB_India, @DDNational pic.twitter.com/9UXna59kj7
— Sahitya Akademi (@sahityaakademi) December 18, 2019
शशि थरुर की पुस्तक ‘एन एरा ऑफ डार्कनेस’ भारत में ब्रिटिश राज से संबंधित है. इस पुस्तक में थरूर ने ब्रिटिश राज पर खासा तंज किया है. शशि थरुर की पुस्तक ‘एन एरा ऑफ डार्कंनेस’ 2016 में प्रकाशित हुई थी.
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