नए नागरिकता कानून (सीएए) लेकर छिड़ी बहस के बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का एक बयान सुर्खियों में है. मध्य प्रदेश के इंदौर में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हाल में उन्होंने कुछ लोगों का पोहा खाने का स्टाइल देखकर समझ लिया था कि वे बांग्लादेशी हैं. खबरों के मुताबिक उनका कहना था, ‘कुछ दिन पहले मेरे घर में एक कमरे के निर्माण का काम चल रहा था तो कुछ मजदूरों के खाना खाने का तरीका मुझे अजीब लगा. वे केवल पोहा खा रहे थे. मैंने उनके सुपरवाइजर से बात की और पूछा कि क्या ये बांग्लादेशी हैं. इसके दो दिन बाद कोई भी मजदूर काम पर नहीं आया.’ कैलाश विजयवर्गीय के मुताबिक ये मजदूर यह तक नहीं बता पाए थे कि वे पश्चिम बंगाल के किस जिले या गांव में रहते हैं. उन्होंने कहा कि घुसपैठिए देश का माहौल बिगाड़ रहे हैं.
कैलाश विजयवर्गीय ने यह दावा भी किया कि एक बांग्लादेशी युवक इंदौर के आजाद नगर क्षेत्र में डेढ़ साल तक उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहा था. उनके मुताबिक इस शख्स ने गिरफ्तार होने पर यह बात बताई थी. कैलाश विजयवर्गीय ने नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन करते हुए इसे देशहित में करार दिया. भाजपा महासचिव का कहना था, ‘अफवाहों से गुमराह मत हो, सीएए में देश का हित है. यह कानून वास्तविक शरणार्थियों को नागरिकता देगा और घुसपैठियों की पहचान होगी जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं.’
कुछ समय पहले सीएए का विरोध करने वालों के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बयान भी चर्चा में रहा था. झारखंड में एक रैली में प्रधानमंत्री ने कहा था कि हिंसा करने वालों को उनके कपड़ों से पहचाना जा सकता है.
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