देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. अब तक 29 लोगों में इसके संक्रमण की पुष्टि हो गई है. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने इस बार आठ मार्च को होली मिलन समारोहों में शामिल न होने के फैसला किया है. यह खबर आज के सभी अखबारों के पहले पन्ने पर है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर रिजर्व बैंक द्वारा लगाई गई रोक हटा दी है. यह रोक 2018 में लगाई गई थी. इस खबर को भी अखबारों ने प्रमुखता से जगह दी है.

महिला दिवस पर पूरी ट्रेन आधी आबादी के जिम्मे

आठ मार्च को महिला दिवस पर पूर्वोत्तर रेलवे ने इस बार खास व्यवस्था की है. दैनिक जागरण के मुताबिक उसने इस दिन एक यात्री ट्रेन और इससे जुड़ी व्यवस्थाओं को पूरी तरह महिलाओं के हाथ में सौंपने की तैयारी की है. इसके तहत ट्रेन के संचालन से लेकर सिग्नल, टिकट, सुरक्षा और स्वच्छता तक सारी जिम्मेदारी महिलाकर्मियों के हाथ में ही होगी. यानी लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, गार्ड, कोच, कंडक्टर, टिकट निरीक्षक, टिकट परीक्षक, टिकट परीक्षक, कोच अटेंडेंट और सफाईकर्मी के तौर पर महिलाएं ही नजर आएंगी. इससे पहेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि महिला दिवस पर उनके सारे सोशल मीडिया एकाउंट्स महिलाएं चलाएंगी.

विवाद से विश्वास विधेयक पारित, सरकार को डेढ़ लाख करोड़ रु मिलने की उम्मीद

संसद ने कल विवाद से विश्वास विधेयक पारित कर दिया. द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इसके तहत करीब साढ़े नौ लाख करोड़ रुपये के विवादित कर मामलों के समाधान का प्रावधान है. ये मामले देश के अलग-अलग अपीलीय प्राधिकरणों और कोर्ट्स में चल रहे हैं. सरकार को उम्मीद है कि इससे उसे करीब डेढ़ लाख करोड़ रु हासिल होंगे. पिछले साल अप्रत्यक्ष करों से जुड़े विवादों में लाई गई एक ऐसी ही योजना से भी सरकार को काफी फायदा हुआ था.

हंगामे से व्यथित लोकसभा अध्यक्ष कल सदन में नहीं आए

सांसदों के हंगामे व्यथित लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला बुधवार को सदन में नहीं आए. हिंदुस्तान के मुताबिक उनकी जगह सदन का संचालन सभापति पैनल में शामिल किरीट सोमैया और मीनाक्षी लेखी ने किया. बीते दो दिनों से दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर लोकसभा में जबर्दस्त हंगामा हो रहा है. ओम बिड़ला ने इस दौरान लगातार सांसदों को सदन की मर्यादा और पद की गरिमा का हवाला दिया, मगर इसका कोई फायदा नहीं हुआ. इसके चलते लगातार सदन की कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी.