‘सच के साथ खड़े रहें. न्याय होगा.’
— जस्टिस एस मुरलीधर, दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली हिंसा की सुनवाई के दौरान भड़काऊ भाषणों को लेकर सख्त रुख अपनाने और दिल्ली पुलिस को फटकार लगाने वाले जस्टिस एस मुरलीधर ने यह बात अपने विदाई समारोह में कही. जस्टिस मुरलीधर का तबादला पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में कर दिया गया है. उनके विदाई कार्यक्रम में वकीलों सहित इतने लोग पहुंचे कि बैठने की जगह तक नहीं बची. सोशल मीडिया पर इस आयोजन की तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं.


‘यह फैसला लोकसभा अध्यक्ष का नहीं, बल्कि सरकार का है.’
— अधीर रंजन चौधरी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता
कांग्रेस नेता का यह बयान पार्टी के सात लोकसभा सदस्यों को मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि से निलंबित किए जाने पर आया. अधीर रंजन चौधरी ने इसे बदले की भावना से उठाया गया कदम करार दिया. दिल्ली में बीते हफ्ते हुई हिंसा को लेकर आज लगातार चौथे दिन संसद के दोनों सदनों की कार्रवाई ठप रही. विपक्ष पर इस पर फौरन चर्चा की मांग कर रहा है जबकि सरकार इसे होली के बाद करने की बात कह रही है.
‘भारत को मुसलमानों का नरसंहार रोकना चाहिए.’
— अयातुल्ला अली खमेनई, ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता
ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अली खमेनई की यह टिप्पणी दिल्ली में बीते हफ्ते हुई हिंसा पर आई. उन्होंने कहा कि भारत में मुसलमानों के साथ गलत व्यवहार हो रहा है जिससे दुनिया भर के मुसलमान दुखी हैं. दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में हुई इस हिंसा में 45 से ज्यादा लोग मारे गए थे.
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