निर्देशक – अहमद खान

कलाकार – टाइगर श्रॉफ, श्रद्धा कपूर, रितेश देशमुख, अंकिता लोखंडे

रेटिंग – 1.5/5

दो साल पहले जब ‘बागी 2’ की रिलीज के साथ ही ‘बागी 3’ की घोषणा कर दी गई थी, तभी समझ में आ गया था कि यह फिल्म क्या होने वाली है. पटकथा की बजाय एक फॉर्मूले पर भरोसा करने वालीं बागी सीरीज की फिल्में एक्शन से तो भरपूर रहती हैं लेकिन कहानी और अभिनय का चुटकी भर इस्तेमाल करने से भी परहेज करती है.

पिछली दो फिल्मों की तरह बागी 3 की कथा भी नायक द्वारा किसी किरदार को विलेन के पंजे से बचाकर लाने की है. पहली बार यह किरदार फिल्म की हीरोइन था, दूसरी बार हीरोइन की बेटी और इस बार मुसीबत हीरो के भाई पर आई है. मजे-मजे में कहें तो ऐसा लगता है कि इस बागी नायक के करीबियों में से कोई भी सुरक्षित नहीं है. इनमें से किस पर कब मुसीबत आ जाए कहा नहीं जा सकता.

बागी 3 की सबसे बड़ी खूबी टाइगर श्रॉफ के सिक्स पैक ऐब्स और वे मसल्स हैं जिनकी एक-एक हलचल एक्शन करते हुए स्क्रीन पर दिखाई देती है. फिल्म में उनका काम यह है कि जब उनके भाई का किरदार निभा रहे रितेश देशमुख ‘रॉनीईईई’ की पुकार लगाएं तो टाइगर हवा की तरह एक पल में वहां पहुंच जाएं और उन्हें बचा लें. इसमें खटकने वाली बात यह है कि पूरी फिल्म के दौरान यह समझ में नहीं आता कि रितेश का करिदार बच्चों सरीखा क्यों है? एक्शन पर वापस लौटें तो निर्देशक अहमद खान ने बाग़ी 3 को एक्शन थ्रिलर बनाने के लिए इसमें हर जरूरी मसाले का इस्तेमाल किया है. लेकिन इनमें से ज्यादातर हॉलीवुड की एक्शन फिल्मों में देखे हुए से लगते हैं.

अभिनय पर आएं तो हमेशा की तरह, इस बार भी यह टाइगर श्रॉफ के वश के बाहर की बात लगी है. लेकिन एक्शन उन्होंने कमाल का किया है, बगैर बॉडी डबल के उन्होंने कई जॉ-ड्रॉपिंग एक्शन सीक्वेंसेज को अंजाम दिया है. उनकी फुर्ती और कुशलता के चलते ये सभी दृश्य वास्तविक लगते हैं और इसके लिए वे तालियों के हकदार हैं. अभिनय के मामले में टाइगर वाली बात ही श्रद्धा कपूर के लिए भी दोहराई जा सकती है लेकिन यह बात भी सच है कि फिल्म में उनके लिए बहुत गुंजाइश नहीं थी. जहां तक रितेश देशमुख का सवाल है, यह फिल्म भी उनकी अति-बकवास फ़िल्मों की श्रृंखला में एक और कड़ी जोड़ती है. बाग़ी 3 के विलेन किरदार भी कैरिकेचर सरीखे हैं. वे एक खास लहजे में बोलते दिखाई देते हैं जो खासा पकाऊ लगता है.

फिल्म के बाकी पक्षों पर गौर करें तो इसकी प्रोडक्शन क्वालिटी शानदार है और देसी-विदेशी लोकेशन्स भी ध्यान खींचने वाली हैं. फिल्म में सीरिया और वहां पर युद्ध के हालात को जिस तरह से परदे पर क्रिएट किया गया वह रोमांचित करने के साथ-साथ डराता भी है. कुल मिलाकर, अगर आप टाइगर श्रॉफ के बहुत बड़े फैन हैं और उनकी फिल्म देखने के लिए, कोरोना वायरस की दहशत के बावजूद भीड़ में जाने की हिम्मत रखते हैं, तो ही यह फिल्म देखने जाइए.