यस बैंक और कोरोना वायरस से जुड़ी आज लगभग सभी अखबारों के पहले पन्ने पर हैं. सरकार ने यस बैंक के ग्राहकों को आश्वस्त किया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बैंक और इसके ग्राहकों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा. उधर, देश में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा 31 हो गया है. जहां तक पूरी दुनिया की बात है तो इसके कुल मरीजों की संख्या एक लाख को पार कर गई है. तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. चीन, इटली, दक्षिण कोरिया और ईरान इससे कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.

मुआवजा ठुकराने वालों को भूमि अधिग्रहण रद कराने का हक नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण में मुआवजे के कानूनी प्रावधानों को स्पष्ट किया है. दैनिक जागरण के मुताबिक पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एक फैसले में कहा है कि कानून के मुताबिक मुआवजे की रकम देते ही सरकार का दायित्व पूरा हो जाता है. अदालत के मुताबिक अगर कोई भूस्वामी मुआवजा लेने से इन्कार करता है तो वह मुआवजा न मिलने के आधार पर भूमि अधिग्रहण रद किए जाने का दावा नहीं कर सकता. सुप्रीम कोर्ट की विभिन्न पीठों के इस मुद्दे पर अलग-अलग फैसलों को देखते हुए यह मामला पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को तय करने के लिए भेजा गया था.
सही बातें करने वाले सही काम करने वालों से नफरत करते हैं : नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के नए नागरिकता कानून और जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने जैसे कदमों की आलोचना करने वालों पर पलटवार किया है. द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक उन्होंने कहा कि ‘सही बातें करने वाले’ ये आलोचक उन लोगों से नफरत करते हैं जो ‘सही काम करते हैं’ और यथास्थिति को छोड़कर आगे बढ़ते हैं. उन्होंने कहा कि आज अलग-अलग कारणों से वैश्विक अर्थव्यवस्था एक मुश्किल दौर से गुजर रही है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है. नरेंद्र मोदी का यह भी कहना था कि नीतियां स्पष्ट हैं और इनके जरिये अर्थव्यवस्था के आकार को दोगुना कर 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी.
बिमल जुल्का मुख्य सूचना आयुक्त बने
बिमल जुल्का देश के नए मुख्य सूचना आयुक्त बन गए हैं. दैनिक भास्कर के मुताबिक उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी. बिमल जुल्का 1979 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं. इससे पहले वे सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सचिव पद पर भी रह चुके हैं. वे पांच साल तक इस पद पर रहेंगे. 11 जनवरी को मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में सुधीर भार्गव के रिटायर होने के बाद से ही यह पद खाली था
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