भारत में कोरोना वायरस से सात मौतों की पुष्टि हो चुकी है. करीब चार सौ लोग इसकी चपेट में हैं. चिंता में आई सरकारें एहतियाती कदम उठाने में लगी हैं. दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश इसे महामारी घोषित कर चुके हैं. ट्रेनें, मेट्रो स्कूल, कॉलेज, शॉपिंग मॉल, बार, रेस्टोरेंट और जिम बंद किए जा रहे हैं. मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों में जाने पर प्रतिबंधों की खबरें आने लगी हैं. सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लग रही है और कई जगहों पर धारा 144 लगाए जाने का ऐलान हो चुका है.
इस सबका एक सीधा सा मतलब यह भी है कि कोरोना वायरस आर्थिक गतिविधियों पर असर डाल रहा है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास कह चुके हैं कि इस आपदा के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था को चोट लग सकती है. आइये जानते हैं कि उन पांच क्षेत्रों के बारे में जहां कोरोना वायरस ने तुरंत और बड़ी चोट की है.
टैक्सी ऑपरेटर्स
बीते पांच साल से ओला से जुड़कर अपनी टैक्सी चला रहे अजीत शर्मा कहते हैं. ‘क्या बताएं सर जी, कोरोना ने तो आफत कर दी है. हमारी असली कमाई तो एयरपोर्ट बुकिंगों से ही होती है जो ठप पड़ी है. स्कूल बंद हैं, होटल और बार भी बंद हो रहे हैं. गाड़ी घर पर खड़ी रहेगी तो ईएमआई तो रुकनी नहीं है. लेकिन चलेगी तो तभी जब ग्राहक होंगे!’
अजीत शर्मा जैसे कई लोगों की यही चिंता है. ऊपर से अब कंपनियां भी कर्मचारियों को वर्क फॉर होम यानी घर से काम करने को कहने लगी हैं. यह सब ऊबर-ओला से जुड़े टैक्सी चालकों और दूसरी ट्रैवल एजेंसियों के लिए मुश्किल बनकर आया है. दिक्कत कितनी बड़ी है यह दिल्ली समेत तमाम बड़े शहरों के ट्रैफिक में आई गिरावट से समझा जा सकता है. दिल्ली में एक टैक्सी यूनियन ने सरकार से मांग की है कि हालात ठीक होने तक बैंकों को उनकी ईएमआई टालने के लिए कहा जाए.
एयरलाइंस
कोरोना वायरस के चलते दुनिया के कई देशों ने पर्यटकों सहित दूसरे देशों के तमाम नागरिकों को जारी किए गए वीजा फिलहाल निलंबित कर दिए हैं. देश के भीतर भी देखें तो लोग हवाई यात्रा करने से बच रहे हैं. इसका असर यह हुआ है कि विमानन कंपनियों को अपनी उड़ानों में कटौती करनी पड़ रही है. जो विमान उड़ान भर रहे हैं वे आधे से अधिक खाली हैं. कई एयरलाइंस ने स्टाफ की छंटनी शुरू कर दी है. विमानन कंपनियों के वैश्विक संगठन सीएपीए ने आशंका जताई है कि हालात ऐसे ही रहे तो मई तक दुनिया की ज्यादातर विमानन कंपनियां दिवालिया हो सकती हैं. जानकारों के मुताबिक यदि इस बड़ी विपदा को टालने के लिए सरकार और विमानन उद्योग को आपसी सहयोग और समन्वय करना होगा.
होटल और रेस्टोरेंट
जाहिर है जब लोग घर से बाहर ही नहीं निकलेंगे तो इसका नुकसान होटल और रेस्टोरेंट चलाने वालों को भी होगा. कोरोना वायरस के डर के चलते होटलों में बच्चों की बर्थडे पार्टियां या फिर ऐसे ही आयोजन धड़ाधड़ कैंसल हो रहे हैं. इसके अलावा पर्यटक स्थल भी बंद किए जा रहे हैं जिसके चलते होटल उद्योग पर बुरा असर पड़ रहा है. दिल्ली के एक नामी रेस्टोरेंट में काम कर रहे दलबीर गुसांई कहते हैं, ‘ग्राहकों का टोटा है. सब्जियों और कुछ दूसरी चीजों का स्टॉक खराब हो जाएगा, इसलिए हमें इसे अपने घर ले जाकर खपाना पड़ रहा है.’
दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल को फिलहाल बंद कर दिया गया है. रोज औसतन 10 हजार से अधिक लोग ताजमहल देखने जाते हैं. जाहिर है इससे आगरा के होटल व्यवसायी परेशान हैं. ऐसा ही हाल कई दूसरे शहरों का भी है. वैष्णो देवी सहित कई बड़े मंदिरों ने भी अपने कपाट बंद कर लिए हैं.
मॉल और सिनेमाहॉल
कोरोना वायरस से निपटने की कवायद में कई राज्यों ने मॉल और सिनेमाहॉल बंद करने के आदेश दिए हैं. इससे इन्हें चलाने वाले व्यवसायियों को चपत लगना तय है. इन व्यवसाइयों के मुताबिक वे इसलिए भी फिक्रमंद हैं कि कुछ दिन तो मामला झेला जा सकता है, लेकिन लंबे समय तक नहीं और अभी पक्के तौर पर कहा नहीं जा सकता कि यह स्थिति कितने दिन रहने वाली है. एक अखबार से बातचीत में दिल्ली के मशहूर सिनेमा हॉल डिलाइट सिनेमा के महाप्रबंधक राज कुमार मेहरोत्रा कहते हैं कि अगर सिर्फ दिल्ली में 31 मार्च तक सिनेमा हॉल बंद रहते हैं तो करीब 100 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है. जहां मॉल और सिनेमाहॉल खुले भी हैं वहां जाने वालों की संख्या में खासी गिरावट आई है.
पोल्ट्री उद्योग
कोरोना वायरस के असर से पोल्ट्री उद्योग भी चरमरा गया है. खबरों के मुताबिक कारोबार में 80 प्रतिशत तक कमी आने से चिकन और अंडे के दाम में भारी गिरावट आ गई है. इससे उद्योग को दसियों हजार करोड़ रु का नुकसान होने की आशंका है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर इससे इनकार किया है कि कोरोना वायरस चिकन और मांस खाने से फैलता है. इसके बावजूद लोग सहमे हुए हैं. हरियाण के बरवाला रायपुररानी क्षेत्र में एशिया की दूसरी सबसे बड़ी पोल्ट्री बेल्ट है. हरियाणा पोल्ट्री एसोसिएशन के प्रधान दर्शन सिंगला की मानें तो पिछले 20 दिन में ही यहां के पोल्ट्री उद्योग को तीन हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें | सत्याग्रह एप डाउनलोड करें
Respond to this article with a post
Share your perspective on this article with a post on ScrollStack, and send it to your followers.