कोरोना वायरस के संक्रमण से जुड़ी अलग-अलग खबरें आज भी सभी अखबारों के पहले पन्ने पर हैं. देश में इससे अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 140 से ज्यादा इसकी चपेट में हैं. हालात से निपटने की कवायदों के तहत सरकार ने ताजमहल सहित कई बड़े पर्यटक स्थलों को बंद कर दिया है. कई राज्यों में सिनेमा हाल, स्कूल आदि पहले ही बंद हैं.

कोरोना वायरस से निपटने की कोशिशों के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अहम ऐलान किया है. दैनिक जागरण के मुताबिक उसने जनता को भीड़भाड़ से बचने की सलाह देते हुए तय किया है कि इन हालात में दिहाड़ी मजदूर भी घर पर रहें और उनके भरण-पोषण का खर्च सरकार ही उपलब्ध कराएगी. साथ ही वह सरकारी कर्मियों को भी वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देने जा रही है. मुख्य सचिव को इसकी व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं.
अखबार ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के उस बयान को भी प्रमुख सुर्खी बनाया है जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य सभा का नामांकन इसलिए स्वीकार किया कि विधायिका और न्यायपालिका में सामंजस्य हो. उनका कहना था कि संसद में उनकी उपस्थिति विधायिका के समक्ष न्यायपालिका और न्यायपालिका के समक्ष विधायिका का दृष्टिकोण रखने का अवसर होगी.
उधर, आर्थिक संकट के चलते सुर्खियों में आए यस बैंक ने कहा है कि उसके पास अब नकदी की कोई दिक्कत नहीं है. हिंदुस्तान के मुताबिक बैंक का कहना है कि 19 मार्च से उसका कामकाज पूरी तरह सामान्य हो जाएगा. उसके मुताबिक अब एटीएम भी ठीक से काम कर रहे हैं और बैंक के ग्राहकों से संपर्क कर उन्हें आश्वस्त किया जा रहा है.
दैनिक भास्कर ने रेल मंत्री पीयूष गोयल के इस बयान को पहले पन्ने पर जगह दी है कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा. राज्यसभा में उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय रेलवे को दुनिया का नंबर एक रेल नेटवर्क बनाने के लिए अगले 12 साल में इसमें 50 लाख करोड़ रु का निवेश किया जाएगा.
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