पांच अप्रैल को भारत में करोड़ों लोगों ने कोरोना वायरस से उपजे संकट के अंधेरे में अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर रात के नौ बजे उन्होंने घर की लाइटें बुझा दीं. इसके साथ ही लोगों ने दिये, मोमबत्तियां और मोबाइल की फ्लैशलाइटें जला दीं. देशवासियों से अपनी अपील में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे कोरोना वायरस से उपजे संकट के अंधकार को चुनौती देता प्रकाश की महाशक्ति का अहसास कहा था.
लेकिन प्रकाश की महाशक्ति की इस कवायद के दौरान कई अनचाही घटनाएं भी हुईं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से शांति के साथ अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करने को कहा था. लेकिन नौ बजते ही पूरे देश में आतिशबाजी का शोर भी शुरू हो गया. पटाखों के साथ रॉकेट और अनार जैसी चीजें भी जलाई गईं और ऐसा लगने लगा कि दीवाली मनाई जा रही हो. इसके चलते ट्विटर पर क्रैकर्स हैशटैग ट्रेंड करने लगा.
क्या इस आतिशबाजी का असर लॉकडाउन के चलते असाधारण रूप से साफ चल रही भारत के शहरों की हवा पर भी पड़ा? इसका जवाब आंकड़ों से समझने की कोशिश करते हैं. राजधानी दिल्ली से शुरुआत करते हैं जो दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार है. यहां आनंद विहार नाम का एक इलाका है जहां वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा होता है. आंकड़े बताते हैं कि पांच अप्रैल को यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 92 था जिसे संतोषजनक कहा जाता है. छह अप्रैल को यह 45 की छलांग लगाता हुआ 137 हो गया यानी मध्यम स्तर पर पहुंच गया.
दूसरे शहरों की बात करें तो उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पांच अप्रैल को 174 रहा एक्यूआई आज 223 तक यानी खराब स्तर तक पहुंच गया. हरियाणा के गुरुग्राम में यह 81 से 117 हो गया. नोएडा में यह आंकड़ा 87 और 105 रहा जबकि मेरठ में 105 और 172. उधर, राजस्थान की राजधानी जयपुर में पांच अप्रैल को 62 रहा एक्यूआई आज 72 दिख रहा है. यानी इन सभी शहरों में हवा की गुणवत्ता में गिरावट आई है.
यही वजह रही कि सोशल मीडिया पर कई लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. नजमा हलीम ने लिखा कि दो हफ्तों की साफ हवा और शांति नौ मिनट में हवा हो गई.
2 weeks of clean environment and calm gone in 9 minutes. #BoycottCandleDrama pic.twitter.com/CRM9YP4UPu
— Najma Haleem (@HaleemNajma) April 5, 2020
उधर, सेल्विन थॉमस का कहना था कि दुनिया के इतिहास में भारत ऐसा पहला देश बन गया है जिसने पटाखे छोड़कर महामारी का उत्सव मनाया.
First Nation in world history to celebrate a Pandemic days with fire crackers
— Selvin Thomas (@Sthomas_inc) April 5, 2020
Wah Modi ji Wah
उधर, कुछ लोगों ने पटाखे चलाए जाने का बचाव भी किया. चर्चित अभिनेत्री सोनम कपूर की आलोचना का जवाब देते हुए फिल्म निर्माता अशोक पंडित का कहना था कि लोग इस मुश्किल वक्त में खुश रहने की कोशिश कर रहे थे.
Sonam ji crackers are burst during celebrations & not only in Diwali?People are trying to be happy in these difficult times.
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) April 5, 2020
They are at least not spreading d virus like #TabligiJamaat. I wish you would hve condemned this act of terrorism than blaming crackers. https://t.co/P788T49Oir
उधर, इस दौरान कई जगहों पर लोग प्रधानमंत्री की ऐसा न करने की अपील के बावजूद मशाल लेकर घर के बाहर निकल आए. कई जगहों से पटाखों के चलते आग लगने की भी खबरें आईं.
Several houses gutted in a fire in Bihar because of crackers
— Srivatsa (@srivatsayb) April 5, 2020
Who will pay for this? Many families have lost everything because of this 9 baje gimmick!pic.twitter.com/eK223tgMf5
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