आपको सिर्फ एयर इंडिया की चिंता है, पर हमें देश की चिंता है : सुप्रीम कोर्ट | रविवार, 24 मई 2020
एयर इंडिया के विमानों में बीच वाली सीट की बुकिंग न रोकने का अनुरोध करती एक याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई. अदालत ने कहा, ‘आपको सिर्फ एयर इंडिया की चिंता हैं, पर हमें देश की चिंता है.’ सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि कोरोना वायरस संकट को देखते हुए बीच की सीट छोड़ने की व्यवस्था लागू की जाए. उसका कहना था कि फिलहाल 10 दिन मौजूदा व्यवस्था चल सकती है, लेकिन उसके बाद यह आदेश लागू हो.
इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि एयर इंडिया को विदेशों से आने वाली फ्लाइटों में बीच की एक सीट खाली छोड़नी होगी. हाईकोर्ट ने कहा था कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए अपनी एडवाइजरी में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घरेलू उड़ानों में यात्रियों के बीच दूरी बनाए रखने का निर्देश दिया है और यह नियम अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी लागू होना चाहिए. हाई कोर्ट में एयर इंडिया के एक पायलट ने कंपनी के ख़िलाफ़ याचिका दायर की थी. उसका कहना था कि एयरलाइन निर्धारित सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर रही है.
लॉकडाउन का असर : ऊबर इंडिया में 600 लोगों की नौकरी गई | सोमवार, 25 मई 2020
प्रमुख कैब एग्रीगेटर ऊबर इंडिया ने अपने 600 कर्मचारियों की छुट्टी कर दी. यह आंकड़ा उसके कुल स्टाफ का एक चौथाई है. ऊबर इंडिया ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के चलते घोषित लॉकडाउन ने उसके लिए हालात मुश्किल कर दिए हैं. कंपनी के मुताबिक यह भी साफ नहीं है कि स्थितियां कब तक ठीक होंगी. ऊबर इंडिया के मुताबिक इसे देखते हुए उसके पास कर्मचारियों को निकालने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. उसने इसे एक दुखद क्षण बताया.
बीते हफ्ते ही ऊबर इंडिया की पेरेंट कंपनी और अमेरिका स्थित ऊबर टेक्नॉलॉजीज ने स्टाफ में 23 फीसदी कटौती का ऐलान किया था. उसके मुताबिक यह आंकड़ा 6700 के करीब होगा. उधर, ऊबर इंडिया का कहना है कि हर कर्मचारी को कम से कम ढाई महीने की सेलरी और अगले छह महीने तक बीमा कवर दिया जाएगा. कर्मचारी कंपनी द्वारा दिया गया लैपटॉप भी रख सकते हैं.
डब्ल्यूएचओ ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन का कोरोना वायरस के इलाज के लिए ट्रायल रोका | मंगलवार, 26 मई 2020
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस संक्रमितों पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन का परीक्षण अस्थायी तौर पर रोक दिया. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रियेसस ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के ट्रायल रोकने का फैसला उस अध्ययन के सामने आने के बाद लिया गया है जिसमें कहा गया था कि यह दवा कोविड-19 के मरीजों में मौत का खतरा बढ़ाती है. टेड्रोस के मुताबिक दुनिया भर के अस्पतालों ने कोरोना मरीजों पर इस दवा के ट्रायल को लेकर हामी भरी थी, लेकिन अब उन्होंने दवा के परीक्षण पर रोक लगा दी है.
मलेरिया के लिए इस्तेमाल होने वाली प्रमुख दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन को अब तक कोरोना वायरस संकट से निपटने की दिशा में बड़ी उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा था. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुद इसकी तरफदारी कर चुके हैं. लेकिन बीते हफ्ते साइंस जर्नल ‘लैंसेट’ के अध्ययन में यह बात सामने आई कि कोरोना वायरस के जिन मरीजों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दी जा रही है उन्हें मौत का खतरा ज्यादा है. खबरों के मुताबिक अध्ययन में पाया गया कि इस दवाई से मरीजों को कोई फायदा नहीं हो रहा.
सीमा पर तनाव के बीच शी जिनपिंग का सेना को संदेश - युद्ध के लिए तैयारियां मजबूत की जाएं | बुधवार, 27 मई 2020
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का एक बड़ा बयान आया. सेना और सशस्त्र पुलिस बलों के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक में उन्होंने कहा कि युद्ध के लिए तैयारियां मजबूत की जाएं. 66 साल के शी जिनपिंग ने सेना को बुरे से बुरे हालात के बारे में सोचने और जटिल परिस्थितियों से तुरंत और प्रभावी तरीके से निपटने के लिए तैयार रहने को भी कहा है.
शी जिनपिंग ने किसी खतरे का जिक्र तो नहीं किया, लेकिन उनका यह बयान वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया है. भारत और चीन के बीच करीब साढ़े तीन हजार किलोमीटर लंबी सीमा है. बीते कुछ समय से पूर्वी लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में दोनों देशों की सेनाओं का जमावड़ा बढ़ा है. सैनिकों के बीच आपसी झड़पें भी हुई हैं. सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन लद्दाख के पास एक एयरबेस का विस्तार कर रहा है. तस्वीरों से यह भी खुलासा होता है कि चीन ने वहां लड़ाकू विमान भी तैनात किए हैं.
मुफ्त में जमीन लेने वाले निजी अस्पताल इस समय मुफ्त में इलाज क्यों नहीं कर सकते : सुप्रीम कोर्ट | गुरुवार, 28 मई 2020
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि मुफ्त में जमीन लेने वाले निजी अस्पताल कोरोना वायरस के मरीजों का मुफ्त या फिर बहुत कम पैसे में इलाज क्यों नहीं कर सकते. खबरों के मुताबिक शीर्ष अदालत ने उसे जवाब देने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे अस्पतालों की पहचान की जाए जो मरीजों का मुफ्त या मामूली फीस में इलाज कर सकते हैं. अदालत में एक याचिका दाखिल कर मांग की गई थी कि कोरोना वायरस के मरीजों के लिए मुफ्त या मामूली फीस में इलाज के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने देश में फंसे प्रवासी मजदूरों के हालात पर स्वत: संज्ञान लिया था. कल उसने केंद्र और राज्य सरकारों को उनके लिए उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि केंद्र और राज्य सरकारों ने अभी तक जो कदम उठाए हैं उनमें कमियां हैं.
हिमाचल प्रदेश : पीपीई किट घोटाले की आंच भाजपा तक पहुंची, प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल का इस्तीफा | शुक्रवार, 29 मई 2020
हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से सुरक्षा के लिए जरूरी उपकरणों (पीपीई किट) की खरीद में हुए कथित घोटाले की आंच अब भाजपा तक पहुंच गई. पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष राजीव बिंदल ने पद से इस्तीफा दे दिया. अपने इस्तीफे में राजीव बिंदल ने कहा कि वे नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे रहे हैं. उनका यह भी कहना है कि इस प्रकरण का भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है. बताया जा रहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.
यह मामला एक ऑडियो क्लिप के वायरल होने के बाद सामने आया. यह क्लिप अजय गुप्ता और एक भाजपा नेता के करीब शख्स की बताई जा रही है. इसमें पांच लाख रु की रिश्वत की बात कही जा रही है. दरअसल कोरोना वायरस संकट से निपटने की कवायद के तहत स्वास्थ्य निदेशक के निर्देशन में एक खरीद समिति ने पीपीई किट की आपूर्ति के लिए नौ करोड़ रु के ऑर्डर दिए थे. रिश्वत इसी सौदे से जुड़ी बताई जा रही है. मामले पर शोर होने के बाद अजय गुप्ता को 20 मई को गिरफ्तार कर लिया गया था. मामले की जांच जारी है.
आठ जून से एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए पास जरूरी नहीं, शॉपिंग मॉल्स भी खुलेंगे | शनिवार, 31 मई 2020
केंद्र सरकार ने 31 मई के बाद लॉकडाउन को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. इनके मुताबिक कंटेनमेंट जोन में 30 जून तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया. बाकी इलाकों में चरणबद्ध तरीके से वे गतिविधियां फिर से शुरू की जाएंगी जिन पर पाबंदी लगी हुई थी.
पहले चरण में आठ जून से धार्मिक स्थल और पूजा-अर्चना के केंद्र, होटल, रेस्टोरेंट, हॉस्पिटैलिटी से जुड़े क्षेत्र और शॉपिंग माल्स खोले जाएंगे. सरकार इसे अनलॉक चरण एक कह रही है. आठ जून से एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए अलग से किसी अनुमति या पास की जरूरत भी नहीं होगी. केंद्र के मुताबिक अगर कोई राज्य या केंद्र शासित प्रदेश अब भी इस पर कोई प्रतिबंध लगाना चाहता है तो उसे पहले इस फैसले की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी. यात्रियों को उचित दूरी बरतने और मास्क लगाने जैसी सावधानियां रखनी होंगी.
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