बीती सात जुलाई को केरल में सोने की तस्करी का एक हाई प्रोफ़ाइल मामला सामने आया. इसे लेकर हुए खुलासों ने केरल की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है. घोटाले के तार राज्य के बड़े नेताओं, अधिकारियों और यहां तक कि मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के कार्यालय तक पहुंचते दिख रहे हैं. पिनाराई विजयन ने घोटाले में नाम आने के तुरंत बाद अपने प्रधान सचिव और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर को उनके पद से हटा दिया है. बीते बुधवार को मुख्यमंत्री ने शिवशंकर के निलंबन का आदेश भी जारी कर दिया. इस समय इस मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है. एनआईए की जांच में भी कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं और सोने की तस्करी की आंच केरल सरकार के मंत्रियों तक भी पहुंचती दिख रही है.

घोटाला कैसे खुला?

बीती पांच जुलाई को तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कस्टम विभाग के अधिकारियों ने यूएई से आया एक पार्सल पकड़ा. यह राजनयिक पार्सल संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास के पते पर जाने वाला था. अधिकारियों को इस पार्सल में तस्करी का सामान होने की ख़ुफ़िया जानकारी मिली थी. कस्टम अधिकारियों ने बैग को खोलने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय से इजाजत ली. मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद यूएई के वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों की मौजूदगी में जब इसे खोला गया तो इसमें घरेलू इस्तेमाल की कई चीजों के साथ उनमें भरा हुआ 30 किलो सोना भी मिला. इस सोने का मूल्य लगभग 15 करोड़ रुपए बताया जाता है.

इसके एक दिन बाद इस बैग को सरिथ कुमार नाम का एक व्यक्ति हवाई अड्डे पर लेने आया जिसने अपने आप को यूएई के वाणिज्य दूतावास का कर्मचारी बताया. कस्टम विभाग ने पूछताछ के बाद सरिथ कुमार को हिरासत में ले लिया. लंबी पूछताछ में उसने बताया कि वह करीब साल भर पहले तक यूएई के वाणिज्य दूतावास में बतौर जन संपर्क अधिकारी काम करता था, लेकिन अब वह दूतावास का कर्मचारी नहीं हैं. वह यूएई में भी काफी अरसे तक रहा है. सरिथ ने यह भी बताया कि वह बीते एक साल से तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे से यूएई से आने वाला इसी तरह का सामान ले जा रहा था. सरिथ कुमार ने इसके बाद एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया. उसने बताया कि उसकी एक सहयोगी केरल सरकार के आईटी विभाग की कर्मचारी है जिसका नाम स्वप्ना सुरेश है.

स्वप्ना सुरेश कौन हैं?

सरिथ कुमार के मुताबिक स्वप्ना सुरेश से उसकी मुलाकात यूएई के वाणिज्य दूतावास में हुई थी, जहां स्वप्ना कार्यकारी सचिव के पद पर कार्यरत थीं. यूएई के वाणिज्य दूतावास में नौकरी के बाद उसे केरल सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग के एक उपक्रम में नौकरी मिल गई.

यूएई के वाणिज्य दूतावास में नौकरी करने से पहले स्वप्ना तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर एयर इंडिया सैट्स (AISATS) में ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर थी. एयर इंडिया सैट्स एयर इंडिया और सिंगापुर एयरपोर्ट टर्मिनल सर्विसेज़ का संयुक्त उद्यम है. खबरों के मुताबिक इस कंपनी में उसने एक वरिष्ठ कर्मचारी के साथ मिलकर हवाई अड्डे के एक कर्मचारी एलएस सिबु के खिलाफ यौन शोषण की कम से कम 17 शिकायतें दर्ज कराई थीं. सिबु इन शिकायतों के खिलाफ केरल हाईकोर्ट पहुंचे, जहां यह साबित हुआ कि उनके खिलाफ दर्ज कराई गयी यौन शोषण की सभी शिकायतें पूरी तरह फर्जी हैं. एलएस सिबु ने इसके बाद स्वप्ना सुरेश के ख़िलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की शिकायत दर्ज करायी और इस साजिश की जांच की मांग की. बताते हैं कि इसके बाद स्वप्ना के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की, लेकिन वह किसी नतीजे तक नहीं पहुंची. एयर इंडिया सैट्स में नौकरी जाने के बाद स्वप्ना को यूएई के वाणिज्य दूतावास में नौकरी मिल गई, यहां उसकी कई बड़ी हस्तियों से जान-पहचान हुई.

एनआईए द्वारा पकडे जाने के बाद संदीप नायर (बाएं से तीसरा) और स्वप्ना सुरेश | फोटो : पीटीआई

खबरों के मुताबिक 2019 में स्वप्ना सुरेश ने वाणिज्य दूतावास की नौकरी अचानक छोड़ दी. इसके कुछ रोज बाद ही उसे केरल सरकार के आईटी विभाग में नौकरी मिल गयी. बताते हैं कि स्वप्ना सुरेश अबू धाबी में पैदा हुई थी और यूएई में एक लंबा अरसा गुजारने की वजह से वह धारा प्रवाह अरबी बोलती है. इस वजह से उसकी यूएई के कई लोगों से भी जान पहचान थी. वह एयर इंडिया में अपने कार्यकाल के दौरान हवाई अड्डों और सीमा शुल्क विभाग के कई अधिकारियों के संपर्क में भी आ गई थी. उसे एयर इंडिया सैट्स और वाणिज्य दूतावास में काम करने की वजह से राजनयिक खेपों की आपूर्ति और हैंडलिंग की अच्छी-खासी जानकारी हो गई थी.

प्रधान सचिव एम शिवशंकर से करीबियां

कई जानकार यह सवाल पूछ रहे हैं कि स्वप्ना सुरेश के खिलाफ जालसाजी का मामला होने के बाद भी उसे केरल सरकार के आईटी विभाग के एक उपक्रम में नौकरी कैसे मिल गई? अब यह मामला सामने आने के बाद केरल के सूचना एवं प्रौद्यगिकी विभाग का कहना है कि उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि स्वप्ना के ख़िलाफ धोखाधड़ी का एक मामला भी लंबित है.

माना जा रहा है कि स्वप्ना को आईटी विभाग में नौकरी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एम शिवशंकर से करीबियों के चलते मिली थी. उसके पड़ोसियों का भी कहना है कि उसके फ्लैट पर शिवशंकर का आना-जाना लगा रहता था. स्वप्ना की नियुक्ति के समय एम शिवशंकर ही आईटी विभाग के इस उपक्रम के अध्यक्ष थे. केरल के कई अखबारों के मुताबिक शिवशंकर ने एक बहुराष्ट्रीय कंपनी प्राइसवाटरहाउसकूपर्स के जरिए स्वप्ना सुरेश की आईटी विभाग में नियुक्ति के लिए अनुशंसा की थी. विपक्ष के नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह सुनियोजित साजिश थी और शिवशंकर स्वप्ना से मिले हुए हैं. विपक्ष के नेताओं ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के भी इस्तीफे की मांग की है. इनका कहना है कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन इसलिए भी इस मामले में नैतिक रूप से जिम्मेदार हैं क्योंकि केरल का आईटी विभाग वही संभालते हैं. मामले को बढ़ते देख मुख्यमंत्री विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर इस घोटाले की जांच केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कराने की मांग की. इसके बाद गृह मंत्रालय ने जांच को एनआईए को सौंप दिया.

एनआईए की जांच में बड़े खुलासे?

एनआईए ने जांच शुरू करने के दो दिन बाद ही स्वप्ना सुरेश और उसके एक और सहयोगी संदीप नायर को बेंगलुरु के एक होटल से गिरफ्तार किया. शुरूआती जांच के बाद सुरेश, सरिथ कुमार, फाजिल फरीद और संदीप नायर को इस मामले में मुख्य अभियुक्त बताया गया है. इनमें से फाजिल फरीद फरार है.

बीते बुधवार को एनआईए ने स्वप्ना सुरेश, सरिथ कुमार और संदीप नायर से पूछताछ की. एनआईए के मुताबिक स्वप्ना और सरिथ कुमार ने बीते साल एक साथ यूएई के वाणिज्य दूतावास की नौकरी छोड़ी थी. और इसके बाद ये दोनों ही यूएई के अपने सम्पर्कों की मदद से सोना तस्करी के काम में आ गये थे. स्वप्ना और उसके साथियों ने बीते साल जुलाई से अब तक विदेश से करीब 150 किलोग्राम से अधिक सोने की तस्करी की है. एजेंसी का यह भी कहना है कि सोना तस्करी मामले के सूत्र आतंकवाद से भी जुड़ रहे हैं और उसे शक है तस्करी से मिली अधिकांश रकम का इस्तेमाल आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में किया गया है. एनआईए का यह भी कहना है कि तस्करी के इस मामले में यूएई के वाणिज्य दूतावास के कुछ अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं.

स्वप्ना सुरेश से पूछताछ के दौरान कई मंत्रियों और नौकरशाहों के साथ उसके संबंधों का भी पता चला है. स्वप्ना के मोबाइल नंबर के कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (सीडीआर) से पता चला है कि वह राज्य के उच्च शिक्षा और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री केटी जलील के बराबर संपर्क में थी. मीडिया रिपोर्ट्स में जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान जलील से स्वप्ना की 16 बार टेलीफोन पर बात हुई. इसके अलावा केटी जलील उसके आवास पर भी बार-बार आते जाते रहे हैं.

हालांकि, केटी जलील ने मीडिया से कहा है कि उन्हें स्वप्ना की संदिग्ध पृष्ठभूमि के बारे में पता नहीं था. उन्होंने स्वीकार किया कि स्वप्ना से उनकी बातचीत हुई थी, लेकिन बातचीत रमजान फूड राहत किट से संबंधित थी. जलील ने मीडिया से कहा, ‘मैंने यूएई के महावाणिज्य दूत को फोन किया था तो उन्होंने राहत किट वितरण के लिए स्वप्ना से संपर्क करने को कहा था. तब स्वप्ना यूएई कॉन्सूलेट में एक अधिकारी थीं.’ मंत्री ने स्वप्ना की केरल सरकार में नौकरी के बारे में बिल्कुल अनभिज्ञता जाहिर की है.