कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट ने भाजपा में जाने की अटकलों को फिर खारिज किया है. समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘राजस्थान में कुछ नेता मेरे बीजेपी में शामिल होने की अफवाह को हवा देने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन मैं ऐसा नहीं करने जा रहा.’ सचिन पायलट ने यह भी कहा कि उन्होंने कांग्रेस को राज्य की सत्ता में लाने के लिए कड़ी मेहनत की थी.
Some leaders in Rajasthan trying to fuel speculation that I am joining BJP but I am not doing so: Sachin Pilot
— Press Trust of India (@PTI_News) July 15, 2020
राजस्थान के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में सचिन पायलट ने यह भी कहा है कि वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज़ नहीं हैं. उनका कहना था, ‘मैं कोई विषेशाधिकार भी नहीं मांग रहा. हम सभी चाहते हैं कि कांग्रेस ने राजस्थान के चुनाव में जो वादे किए था उन्हें वो पूरा करे. हमने वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ अवैध खनन का मुद्दा उठाया था. सत्ता में आने के बाद गहलोत जी ने इस मामले में कुछ नहीं किया. बल्कि वे वसुंधरा राजे के रास्ते पर ही आगे बढ़ रहे हैं.’
उधर, कांग्रेस ने राजस्थान में सचिन पायलट और उनके बागी साथियों को अयोग्य घोषित करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. खबरों के मुताबिक पार्टी की शिकायत के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इन सभी 19 असंतुष्ट विधायकों को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब मांगा है. नोटिस में पूछा गया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों और कांग्रेस विधायक दल की दो बैठकों में शामिल नहीं होने पर उन्हें अयोग्य क्यों नहीं ठहराया जाना चाहिए? कल हुई विधायक दल की दूसरी बैठक में सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पद और राज्य के उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था. उनके समर्थक दो मंत्री भी हटा दिए गए हैं. चर्चा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज नए सिरे से कैबिनेट के गठन पर काम शुरू कर सकते हैं. माना जा रहा है कि सचिन पायलट और बागी विधायकों के बर्खास्त होने से अशोक गहलोत को फायदा होगा क्योंकि इससे राजस्थान विधानसभा में बहुमत के लिए जरूरी 101 सदस्यों का आंकड़ा नीचे आ जाएगा.
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