सोशल मीडिया पर वायरल एक खबर में दावा किया जा रहा है कि कोविड-19 की एक वैक्सीन ने अमेरिका के एक अस्पताल की नर्स टिफनी डॉवर की जान ले ली है
कोविड-19 की वैक्सीन आ चुकी है. दुनिया भर में इसका इस्तेमाल भी शुरू हो चुका है. इस बीच इसे लेकर आशंकाएं पैदा करती एक खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. इसमें कहा गया है कि अमेरिका में मशहूर कंपनी फाइजर की वैक्सीन लगाए जाते ही जिस नर्स को चक्कर आ गए थे उसकी मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि वैक्सीन लगने के 10 घंटे बाद उसने दम तोड़ दिया. फेसबुक और ट्विटर के अलावा यह खबर कई वेबसाइटों पर भी चल रही है.
आम तौर पर किसी वैक्सीन को विकसित होने में कई साल लगते हैं. लेकिन कोविड-19 से उपजे हालात की भयावहता के चलते बीते एक साल से ही दुनिया भर में इसे जल्द से जल्द विकसित करने के प्रयास हो रहे थे. फाइजर की जिस वैक्सीन की बात हो रही है उसे नियामकों ने हालात को देखते हुए आपात आधार पर मंजूरी दी है. यही वजह है कि नर्स की मौत की खबर वायरल होने के बाद कई लोग इसकी सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं. कई इसके पीछे किसी साजिश का आरोप भी लगा रहे हैं.
जिस नर्स की बात हो रही है वह अमेरिका के टेनेसी प्रांत की है. टिफनी डॉवर नाम की इस नर्स को यहां के एक अस्पताल में वैक्सीन लगाई गई थी. इसके बाद टिफनी मीडिया को अपने इस अनुभव के बारे में बता रही थीं कि अचानक उन्हें चक्कर आ गए और वे गिर पड़ीं. यह 17 दिसंबर की बात है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था और लोगों ने इस पर काफी टिप्पणियां की थीं. इसके बाद ज्यादातर लोग जानना चाहते थे कि टिफनी का क्या हुआ.
लोगों की आशंका इस बात से भी बढ़ रही थी कि आम तौर पर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाली टिफनी डॉवर इस घटना के बाद कई दिनों के लिए फेसबुक और इंस्टाग्राम से गायब हो गई थीं. हालांकि अब पता चला है कि वे वैक्सीन के किसी दुष्प्रभाव के चलते बेहोश नहीं हुई थीं. असल में उन्हें स्वास्थ्य संबंधी एक परेशानी है जिसके चलते कई बार उन्हें जरा सा भी दर्द होने पर चक्कर आ जाते हैं. उनके अस्पताल ने भी इस बारे में स्पष्टीकरण दिया है. खुद टिफनी ने भी मीडिया से यह बात कही है. इसके अलावा यह भी संभावना जताई जा रही है कि जल्दबाजी में कई लोगों ने इस खबर को भी गलत समझ लिया. टिफनी से जुड़ी अंग्रेजी की खबर में ‘पास्ड आउट’ यानी बेहोश होने की बात कही गई थी, लेकिन लोगों ने इसे ‘पास्ड अवे’ यानी गुजर जाना समझ लिया.
साफ है कि टिफनी डॉवर के मरने की खबर झूठी है. यही नहीं, वे सामान्य दिनों की तरह ही अस्पताल में अपना काम कर रही हैं. टिफनी ने उनके लिए प्रार्थनाएं करने वाले लोगों का आभार जताया है. साथ ही उन्होंने लोगों से उनकी निजता का सम्मान करने का अनुरोध भी किया है.
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मुकेश अंबानी 10 लाख रिलायंस जियो यूजर्स को मुफ्त में फोन और इंटरनेट दे रहे हैं .
कोरोना वायरस से उपजी महामारी के चलते स्कूल-कॉलेज काफी समय से बंद हैं. पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है सो लोगों के मोबाइल का खर्चा बढ़ गया है क्योंकि डेटा जल्दी-जल्दी खत्म हो रहा है. इस बीच फेसबुक पर एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें कहा जा रहा है कि रिलायंस जियो के मुखिया मुकेश अंबानी बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा के लिए 10 लाख जियो यूजर्स को तीन महीने का रीचार्ज पैक मुफ्त दे रहे हैं. दावा किया गया है कि यह ऑफर केवल 30 नवंबर तक के लिए है.
जिस पैक की बात हो रही है वह रिलायंस जियो का 555 रु वाला प्रीपेड रीचार्ज प्लान है जिसकी वैलिडिटी 84 दिन की है. इसमें रोज डेढ़ जीबी का हाइस्पीड 4जी डेटा मिलता है. यानी वैलिडिटी पीरियड तक कुल मिलाकर 126 जीबी डेटा आपकी झोली में होता है. इसके अलावा इस पर जियो टू जियो अनलिमिटेड कॉल की सुविधा है जबकि दूसरे नेटवर्क पर फोन करने के लिए लिमिटेड मिनट्स ही मिलते हैं. प्लान में रोज 100 एसएमएस का ऑफर भी है.
फेसबुक पर वायरल मैसेज में एक लिंक दिया गया है. 555 रु वाला पैक मुफ्त पाने के लिए यूजर्स को इस पर क्लिक करने के लिए कहा गया है. यह लिंक ब्लॉग्स्पॉट पर बने एक पेज पर ले जाता है जहां आपसे मोबाइल नंबर, प्लान और राज्य की जानकारी मांगी जाती है और इसके बाद ‘अपना रिचार्ज करें’ नाम के एक लिंक पर क्लिक करने को कहा जाता है. लेकिन क्लिक करने के बाद मैसेज दिखता है कि इसे ‘जियो के प्रचार व वेरिफिकेशन के लिए आपको 10 ग्रुप में अथवा दोस्तों को वाट्सएप पर शेयर करना पड़ेगा.’ नीचे वाट्सएप पर शेयर करने का एक लिंक भी दिखता है.
10 लोगों को मैसेज होते ही क्लिक रीचार्ज वाला ऑप्शन दिखता है. इस पर क्लिक करते ही मैसेज आता है कि आपका फोन स्लो और अनप्रोटेक्टेड है और यह हैक हो सकता है. इसके साथ ही एक लिंक पर क्लिक कर फोन को सुरक्षित करने के लिए कहा जाता है. जानकारों के मुताबिक जैसे ही यूजर इस लिंक पर क्लिक करता है तो फोन में एक मैलवेयर आ जाता है जो अनचाहे विज्ञापन दिखाने लगाता है. इसे हटाने के लिए फिर फोन को हार्ड रीसेट करना पड़ता है जिससे फोन का वह डेटा डिलीट हो जाता है जिसका आपने बैकअप नहीं लिया है.
कुल मिलाकर निष्कर्ष यह है कि जियो का 555 वाला रीचार्ज पैक फ्री मिलने का दावा पूरी तरह फर्जी है. रिलायंस जियो की आधिकारिक वेबसाइट या फिर एप पर भी इस ऑफर की कोई जानकारी नहीं है. हमने जियो के एक कस्टमर केयर अधिकारी से भी बात की जिनका कहना था कि इस तरह का कोई ऑफर नहीं है. यानी आप इस चक्कर में बिल्कुल भी न पड़ें.
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें | सत्याग्रह एप डाउनलोड करें
Respond to this article with a post
Share your perspective on this article with a post on ScrollStack, and send it to your followers.