अव्यक्त
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क्यों सावरकर बनाम गांधी की बहस में हमें इन दोनों का आपसी संबंध समझने की भी जरूरत है
विनायक दामोदर सावरकर को ‘वीर’ कहने वाले महात्मा गांधी ने आजीवन उनसे संवाद कायम रखने की एकतरफा और असफल कोशिश की थी
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गांधी और नेहरू मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के बारे में क्या कहते थे?
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी किताब ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के बारे में काफी विस्तार से लिखा है
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रामकृष्ण परमहंस : जिनके भोले प्रयोगवाद में वेदांत, इस्लाम और ईसाइयत सब एकरूप हो गए थे
निरक्षर और पागल तक कहे जाने वाले रामकृष्ण परमहंस ने अपने जीवन से दिखाया था कि धर्म किसी मंदिर, गिरजा, विचारधारा, ग्रंथ या पंथ का बंधक नहीं है
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जमनालाल बजाज : गांधी का ‘पांचवां बेटा’ जिसने उनका ट्रस्टीशिप का सिद्धांत जीकर दिखाया
आज के पूंजीपतियों को देखते हुए हमारे लिए कल्पना करना भी मुश्किल हो सकता है कि भारत में जमनालाल बजाज जैसे वैरागी पूंजीपति भी हुए हैं
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के हमरा गांधीजी के गोली मारल हो, धमाधम तीन गो...
महात्मा गांधी के समकालीन उस लोक कलाकार की कहानी जिसने उन्हें ‘अपनी अनारकली’ कहा
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‘हिंदू धर्म का नाम किसी ने रौशन कर रखा है तो वे गांधीजी ही हैं’
31 जनवरी, 1948 को दिए इस वक्तव्य में विनोबा भावे बताते हैं कि क्यों जब गांधीजी जैसा पुरुष देह छोड़कर जाता है तो वह रोने का प्रसंग नहीं होता
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क्विज
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क्विज़: आप इरफान खान के कितने बड़े फैन हैं?
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क्विज: क्या आप एसपी बालासुब्रमण्यम को चाहने वालों में से एक हैं?
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क्विज़: अदालत की अवमानना के तहत आप पर कब कार्रवाई हो सकती है?
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इस साल हज यात्रा पर रोक लगााए जाने के अलावा आप इसके बारे में क्या जानते हैं?
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क्विज: भारत-चीन सीमा विवाद के बारे में आप कितना जानते हैं?
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ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान : लड़ाकू पठानों को अहिंसक ख़िदमतगार बना देने वाला फ़क़ीर बादशाह
ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान मानते थे कि पठान जितने बहादुर हैं, उससे ज्यादा बहादुर तभी बन पाएंगे जब वे अहिंसा को साध लेंगे
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जब गांधी को खय्याम की रुबाइयां सुनाने वाले बच्चन ने रघुपति राघव राजा राम का ‘सैड वर्जन’ लिखा
हरिवंश राय बच्चन की इन कविताओं को पढ़ना एक साथ भावोत्तेजक और विचारोत्तेजक अनुभव हो सकता है
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मार्टिन लूथर किंग जूनियर : जिनके लिए ईसा मसीह प्रेरणास्रोत थे और महात्मा गांधी मार्गदर्शक
अपनी आत्मकथा में मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने अपने विचारों और कार्यों पर महात्मा गांधी के प्रभाव के बारे में काफी विस्तार से लिखा है
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समाज और संस्कृति
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जिंदगी का शायद ही कोई रंग या फलसफा होगा जो शैलेंद्र के गीतों में न मिलता हो
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रानी लक्ष्मीबाई : झांसी की वह तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं
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किस्से जो बताते हैं कि आम से भी भारत खास बनता है
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क्यों तरुण तेजपाल को सज़ा होना उनके साथ अन्याय होता, दूसरे पक्ष के साथ न्याय नहीं
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कार्ल मार्क्स : जिनके सबसे बड़े अनुयायियों ने उनके स्वप्न को एक गैर मामूली यातना में बदल दिया
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विवेकानंद : जाति-पुरोहितवाद से लड़ने वाले क्रांतिकारी जिन्हें भगवा हिंदूवादी बना दिया गया
स्वामी विवेकानंद का राजनीतिक प्रतीक की तरह इस्तेमाल उनके जीवन और विचारों के तटस्थ मूल्यांकन में एक बड़ी बाधा है
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क्या उपेक्षित तबकों के लिए ‘दलित’ शब्द का प्रयोग सबसे पहले स्वामी विवेकानंद ने किया था?
महात्मा गांधी ने स्वामी विवेकानंद के हवाले से ही दलित शब्द का प्रयोग करना शुरू किया था
अव्यक्त
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हमें अब ‘भारतमाता’ के पैरोकारों से बचना है और उसके विरोधी ‘प्रोग्रेसिव रेशनलिस्टों’ से भी
हिंदूवादी राजनीति धर्म के जरिये संकीर्ण लामबंदी कर रही है तो इसके विरोध में जन्मी ‘प्रोग्रेसिव रेशनलिस्ट’ पीढ़ी इसी स्वरूप को मूल धर्म समझकर उससे घृणा कर रही है
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विशेष रिपोर्ट
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सर्दी हो या गर्मी, उत्तर प्रदेश में किसानों की एक बड़ी संख्या अब खेतों में ही रात बिताती है
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कैसे किसान आंदोलन इसमें शामिल महिलाओं को जीवन के सबसे जरूरी पाठ भी पढ़ा रहा है
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हमारे पास एक ही रेगिस्तान है, हम उसे सहेज लें या बर्बाद कर दें
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क्या आढ़तिये उतने ही बड़े खलनायक हैं जितना उन्हें बताया जा रहा है?
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक गांव जो पानी और सांप्रदायिकता जैसी मुश्किलों का हल सुझाता है