राजेन्द्र धोड़पकर
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स्टीफन हॉकिंग के जीवन का निचोड़ शायद यही था कि जहां अंत दिखता है, वहां नई शुरुआत होती है
अपने आखिरी दिनों में स्टीफन हॉकिंग ने कहा था कि ब्लैक होल दूसरे ब्रह्मांडों के द्वार हो सकते हैं
राजेन्द्र धोड़पकर
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जिसने भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाया, वह राह स्वामी विवेकानंद ने खोली थी
स्वामी विवेकानंद को हिंदुत्ववादी तो अपना मानते ही हैं, कुछ वामपंथी और कट्टर धर्मनिरपेक्ष लोग भी उन्हें कट्टर हिंदुत्व के व्याख्याकार की तरह देखते हैं
राजेन्द्र धोड़पकर
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शिवाजी के नाम पर शोर मचाने वाले क्या शिवाजी की परंपरा के हक़दार हैं?
शिवाजी के व्यक्तित्व के ऐसे बहुत से पहलू हैं जिन्हें इसलिए नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है कि वे उनका गुणगान करने वाले लोगों के लिए असुविधाजनक हैं
राजेन्द्र धोड़पकर
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इनमें...विधायक हैं
जैसी-तैसी | सत्याग्रह पर आज का कार्टून
राजेन्द्र धोड़पकर
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दिल्ली में माहौल ठीक नहीं है इसलिए सोचा किसी सुरक्षित जगह शरण ली जाए
जैसी-तैसी | सत्याग्रह पर आज का कार्टून
राजेन्द्र धोड़पकर
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अच्छी बात का पाखंड भी नंगी बुराई से बेहतर होता है
हर समाज में संतुलित और मध्यमार्गी विचारों के साथ अतिवादी विचारों के लिए भी जगह होनी चाहिए. लेकिन वह जगह हाशिये पर होनी चाहिए, मुख्यधारा में नहीं
राजेन्द्र धोड़पकर
क्विज
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क्विज़: आप इरफान खान के कितने बड़े फैन हैं?
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क्विज: क्या आप एसपी बालासुब्रमण्यम को चाहने वालों में से एक हैं?
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क्विज़: अदालत की अवमानना के तहत आप पर कब कार्रवाई हो सकती है?
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इस साल हज यात्रा पर रोक लगााए जाने के अलावा आप इसके बारे में क्या जानते हैं?
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क्विज: भारत-चीन सीमा विवाद के बारे में आप कितना जानते हैं?
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इज्जत का कचरा
जैसी-तैसी | सत्याग्रह पर आज का कार्टून
राजेन्द्र धोड़पकर
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अब झुग्गी की जगह पक्के घर की बजाय झुग्गी-बस्ती के सामने पक्की दीवार बन रही है
जैसी-तैसी | सत्याग्रह पर आज का कार्टून
राजेन्द्र धोड़पकर
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यह वही विकास है न, जिसे हमने निकाल दिया था?
जैसी-तैसी | सत्याग्रह पर हफ्ते का कार्टून
राजेन्द्र धोड़पकर
समाज और संस्कृति
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जिंदगी का शायद ही कोई रंग या फलसफा होगा जो शैलेंद्र के गीतों में न मिलता हो
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रानी लक्ष्मीबाई : झांसी की वह तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं
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किस्से जो बताते हैं कि आम से भी भारत खास बनता है
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क्यों तरुण तेजपाल को सज़ा होना उनके साथ अन्याय होता, दूसरे पक्ष के साथ न्याय नहीं
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कार्ल मार्क्स : जिनके सबसे बड़े अनुयायियों ने उनके स्वप्न को एक गैर मामूली यातना में बदल दिया
विशेष रिपोर्ट
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सर्दी हो या गर्मी, उत्तर प्रदेश में किसानों की एक बड़ी संख्या अब खेतों में ही रात बिताती है
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कैसे किसान आंदोलन इसमें शामिल महिलाओं को जीवन के सबसे जरूरी पाठ भी पढ़ा रहा है
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हमारे पास एक ही रेगिस्तान है, हम उसे सहेज लें या बर्बाद कर दें
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क्या आढ़तिये उतने ही बड़े खलनायक हैं जितना उन्हें बताया जा रहा है?
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक गांव जो पानी और सांप्रदायिकता जैसी मुश्किलों का हल सुझाता है