चंदन शर्मा
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यदि राजा रवि वर्मा न होते तो हम शायद किसी और रूप-रंग की सरस्वती की पूजा कर रहे होते!
मशहूर पेंटिंग ‘देवी सरस्वती’ को 1896 में अद्भुत प्रतिभा के धनी राजा रवि वर्मा ने बनाया था
चंदन शर्मा
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वह कौन सी वजह थी जिसने दुर्गा पूजा को बंगाल का सबसे बड़ा पर्व बना दिया?
बंगाल में दुर्गा पूजा की इस लोकप्रियता के तार छह सदी पीछे जाते हैं और भारतीय दर्शन में ‘भक्ति’ की संकल्पना देने वाले कृतिबास ओझा से जुड़ते हैं
चंदन शर्मा
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विपक्ष क्या होता है, भारतीय लोकतंत्र को पहली बार यह बताने वाले राम मनोहर लोहिया ही थे
राम मनोहर लोहिया समाजवाद के सबसे मजबूत स्तंभों में शुमार होते हैं
चंदन शर्मा
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रामविलास शर्मा : पहला मार्क्सवादी विचारक जो मानता था कि आर्य भारत से पूरी दुनिया में फैले हैं
हिंदी साहित्य के महान आलोचक डॉ रामविलास शर्मा उन गिने-चुने विचारकों में से थे जिन्होंने मार्क्सवाद की भारतीय संदर्भ में सबसे सटीक व्याख्या की थी
चंदन शर्मा
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राजा रवि वर्मा न होते तो हमारे देवी-देवता होते जरूर, पर कैसे होते कहना मुश्किल है
पहली बार देवी-देवताओं को तस्वीरों में उकेरने वाले राजा रवि वर्मा ने भारतीय सिनेमा के पितामह दादा साहब फाल्के के जीवन में भी अहम भूमिका निभाई थी
चंदन शर्मा
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भारतेंदु हरिश्चंद्र : आधुनिक हिंदी के पितामह जिनकी जिंदगी लंबी नहीं बड़ी थी
भारतेंदु हरिश्चंद्र को केवल 34 साल की आयु मिली, लेकिन इतने ही समय में उन्होंने गद्य से लेकर कविता, नाटक और पत्रकारिता तक हिंदी का नक्शा बदलकर रख दिया
चंदन शर्मा
क्विज
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क्विज़: आप इरफान खान के कितने बड़े फैन हैं?
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क्विज: क्या आप एसपी बालासुब्रमण्यम को चाहने वालों में से एक हैं?
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क्विज़: अदालत की अवमानना के तहत आप पर कब कार्रवाई हो सकती है?
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इस साल हज यात्रा पर रोक लगााए जाने के अलावा आप इसके बारे में क्या जानते हैं?
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क्विज: भारत-चीन सीमा विवाद के बारे में आप कितना जानते हैं?
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केशवानंद भारती : वह धर्मगुरु जिसकी कोशिशों से भारत एक लोकतंत्र के रूप में बचा रह सका
केशवानंद भारती के मामले के चलते संसद और न्यायपालिका के बीच वह संतुलन कायम हो सका जो इस फैसले के पहले के 23 सालों में संभव नहीं हो सका था
चंदन शर्मा
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कामिल बुल्के : सबसे मशहूर अंग्रेजी-हिंदी शब्दकोश रचने वाला मिशनरी जो रामकथा का भी विद्वान था
फादर कामिल बुल्के 26 साल की उम्र में ईसाई धर्म का प्रचार करने भारत आए थे. लेकिन यहां आकर उन्होंने अपना पूरा जीवन हिंदी भाषा के लिए खपा दिया
चंदन शर्मा
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राजकुमार शुक्ल : एक कम पढ़ा-लिखा किसान जिसकी जिद ने गांधी और भारत का परिचय एक-दूसरे से कराया
चंपारण किसान आंदोलन आजादी की लड़ाई में मील का पत्थर साबित हुआ था, लेकिन इसकी वजह बने राजकुमार शुक्ल को इतिहास में वाजिब स्थान न मिल सका
चंदन शर्मा
समाज और संस्कृति
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जिंदगी का शायद ही कोई रंग या फलसफा होगा जो शैलेंद्र के गीतों में न मिलता हो
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रानी लक्ष्मीबाई : झांसी की वह तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं
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किस्से जो बताते हैं कि आम से भी भारत खास बनता है
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क्यों तरुण तेजपाल को सज़ा होना उनके साथ अन्याय होता, दूसरे पक्ष के साथ न्याय नहीं
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कार्ल मार्क्स : जिनके सबसे बड़े अनुयायियों ने उनके स्वप्न को एक गैर मामूली यातना में बदल दिया
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वह गलतफहमी जिसके चलते प्रेमचंद के नाम के आगे मुंशी लग गया
प्रेमचंद के मुंशी प्रेमचंद बनने का यह मामला 1930 से शुरू हुई चर्चित पत्रिका हंस से जुड़ा हुआ है
चंदन शर्मा
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वह मुकदमा जिसने इंदिरा गांधी को इतना भयभीत कर दिया कि उन्होंने आपातकाल लगा दिया
जिस मुकदमे में यह फैसला आया था उसे ‘राजनारायण बनाम उत्तर प्रदेश’ नाम से जाना जाता है. इसके बाद 25 जून को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगा दिया था
चंदन शर्मा
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क्या दो अक्टूबर के बजाय लाल बहादुर शास्त्री का जन्मदिवस आठ जुलाई है?
मुगलसराय के रेलवे बेसिक स्कूल से प्राथमिक शिक्षा पूरी करने वाले लाल बहादुर शास्त्री की जन्मतिथि यहां दो अक्टूबर, 1904 के बजाय आठ जुलाई, 1903 लिखवाई गई थी
चंदन शर्मा
विशेष रिपोर्ट
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सर्दी हो या गर्मी, उत्तर प्रदेश में किसानों की एक बड़ी संख्या अब खेतों में ही रात बिताती है
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कैसे किसान आंदोलन इसमें शामिल महिलाओं को जीवन के सबसे जरूरी पाठ भी पढ़ा रहा है
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हमारे पास एक ही रेगिस्तान है, हम उसे सहेज लें या बर्बाद कर दें
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क्या आढ़तिये उतने ही बड़े खलनायक हैं जितना उन्हें बताया जा रहा है?
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक गांव जो पानी और सांप्रदायिकता जैसी मुश्किलों का हल सुझाता है