अनु सिंह चौधरी
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ताजिंदगी श्रीदेवी के हिस्से में अगर कुछ आया तो दूसरों की उम्मीदों और अपेक्षाओं का बोझ ही आया
करोड़ों फ़ैन्स की जो मोहब्बत पर्दे पर नजर आने वाली श्रीदेवी को मिलती रही, उसने पर्दे के पीछे वाली श्रीदेवी को शायद और तन्हा, और कमज़ोर, और इन्सिक्योर ही किया
अनु सिंह चौधरी
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अटल बिहारी वाजपेयी ने वह सहिष्णुता जी थी जिसे आज की तारीख में गाली की तरह लिया जाता है
अटल बिहारी वाजपेयी को समझना यह समझने के लिए भी जरूरी है कि भारत की जनता को दरअसल कैसा नेता चुनना चाहिए
अनु सिंह चौधरी
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वे कौन-सी फिल्में थीं जिन्होंने इस बार के मामी फिल्म फेस्टिवल को सिनेमा की आजादी का उत्सव बनाया
मुंबई में 25 अक्टूबर से चल रहे मामी फिल्म फेस्टिवल के बीसवें संस्करण का समापन बीते गुरुवार को हुआ है
अनु सिंह चौधरी
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मामी फिल्म फेस्टिवल : सिनेमा ही नहीं, दर्शक भी इसे खास बनाते हैं
मुंबई में इस समय चल रहे ‘मामी फिल्म फेस्टिवल’ के दर्शकों से मिलकर समझ आता है कि सिनेमा का मकसद मनोरंजन और ज्ञानवर्धन से आगे कहां तक जा सकता है
अनु सिंह चौधरी
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खुदकुशी से लड़ता खुशहाल सिक्किम बाकी देश को भी इस समस्या से लड़ने का रास्ता सुझा रहा है
सिक्किम में खुदकुशी की दर राष्ट्रीय औसत से करीब तीन गुनी ज्यादा है
अनु सिंह चौधरी
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बुद्धा इन अ ट्रैफ़िक जाम: ऐसी फिल्म जिसे एक शब्द में ‘अच्छा’ या ‘बुरा’ कहना मुश्किल है
'बुद्धा इन अ ट्रैफ़िक जाम' उस यक़ीन की ख़ातिर देखी जा सकती है कि चाहे लेफ़्ट हो या राइट या फिर सेंटर, हमारी राजनीतिक सोच और आइडियोलॉजी ही समाज और लोकतंत्र को ज़िंदा रखती है
अनु सिंह चौधरी
क्विज
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क्विज़: आप इरफान खान के कितने बड़े फैन हैं?
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क्विज: क्या आप एसपी बालासुब्रमण्यम को चाहने वालों में से एक हैं?
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क्विज़: अदालत की अवमानना के तहत आप पर कब कार्रवाई हो सकती है?
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इस साल हज यात्रा पर रोक लगााए जाने के अलावा आप इसके बारे में क्या जानते हैं?
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क्विज: भारत-चीन सीमा विवाद के बारे में आप कितना जानते हैं?
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बिहार में जाति-धर्म से परे वे अभी भी बस औरतें ही हैं
बिहार चुनाव में इस बार महिलाओं ने रिकॉर्ड-तोड़ हिस्सा लिया लेकिन प्रदेश चलाने में महिलाओं की भूमिका वैसी ही न के बराबर रहने वाली है जैसी अब तक रही है
अनु सिंह चौधरी
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देश, समाज और कंपनियों को कामकाजी महिलाओं की जरूरत क्यों है?
तमाम मुश्किलों के बाद भी समाज और फॉर-प्रॉफिट कंपनियों को कामकाजी महिलाओं की इतनी ज़रूरत क्यों है कि वे इसके लिए अपनी नीतियां तक बदल रही हैं?
अनु सिंह चौधरी
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काठमांडू वह पंख हो गया था जिसे हम सबको अपनी-अपनी टोपियों पर लगा लेना था
25 मई की ये पोस्ट दरअसल 25 अप्रैल के नाम है. उस पर भी उन पत्रकारों के जो 25 अप्रैल की आपदा के बाद नेपाल पहुंचे थे.
अनु सिंह चौधरी
समाज और संस्कृति
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जिंदगी का शायद ही कोई रंग या फलसफा होगा जो शैलेंद्र के गीतों में न मिलता हो
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रानी लक्ष्मीबाई : झांसी की वह तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं
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किस्से जो बताते हैं कि आम से भी भारत खास बनता है
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क्यों तरुण तेजपाल को सज़ा होना उनके साथ अन्याय होता, दूसरे पक्ष के साथ न्याय नहीं
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कार्ल मार्क्स : जिनके सबसे बड़े अनुयायियों ने उनके स्वप्न को एक गैर मामूली यातना में बदल दिया
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भक्तपुर: एक ऐतिहासिक शहर जिसे दुबारा बनना है
तकरीबन तीन लाख की आबादी वाले भक्तपुर में नब्बे प्रतिशत मकानों को किसी न किसी तरह से नुकसान पहुंचा है.
अनु सिंह चौधरी
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काठमांडू: एक शहर जो काठ सा हो गया है
काठमांडू में भूकंप से कुल 1,039 मौतें हुई हैं और पिछले पांच दिनों में चार लाख से ज़्यादा लोग शहर छोड़कर जा चुके हैं.
अनु सिंह चौधरी
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एक पहेली... सनी लियोनी
एक पॉर्नस्टार को मेनस्ट्रीम सिनेमा ने जिस तरह अपनाया है, क्या वह एक खतरे की घंटी है? क्या सनी लियोनी नई पीढ़ी के लिए ग़लत रोल मॉडल नहीं हैं?
अनु सिंह चौधरी
विशेष रिपोर्ट
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सर्दी हो या गर्मी, उत्तर प्रदेश में किसानों की एक बड़ी संख्या अब खेतों में ही रात बिताती है
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कैसे किसान आंदोलन इसमें शामिल महिलाओं को जीवन के सबसे जरूरी पाठ भी पढ़ा रहा है
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हमारे पास एक ही रेगिस्तान है, हम उसे सहेज लें या बर्बाद कर दें
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क्या आढ़तिये उतने ही बड़े खलनायक हैं जितना उन्हें बताया जा रहा है?
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक गांव जो पानी और सांप्रदायिकता जैसी मुश्किलों का हल सुझाता है