शुभनीत कौशिक
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जिन प्रेमचंद को सभी मानते हैं, उनका मानना था कि ‘जवाहरलाल नेहरू राष्ट्र के प्राण हैं’
प्रेमचंद का कहना था कि ‘जवाहरलाल नेहरू की नीति वही है जिससे भारत के गरीब से गरीब आदमी को दैहिक और मानसिक भोजन और समान अवसर मिले’
शुभनीत कौशिक
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प्रेमचंद ने जब-जब क्रिकेट पर लिखा तो वह भी सिर्फ एक खेल भर की बात नहीं थी
मुंशी प्रेमचंद ने न केवल अपने साहित्य में क्रिकेट को शामिल किया बल्कि इस खेल पर उन्होंने अखबार में भी कई लेख लिखे थे
शुभनीत कौशिक
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साहित्यकारों से नेहरू का रिश्ता उतना ही सहज था जितना नन्हे बच्चों से चाचा नेहरू का था
भारत के सबसे बड़े कई लेखकों ने जवाहरलाल नेहरू पर लिखा है और इसका एक बड़ा हिस्सा उनके खुद के अनुभवों पर आधारित है
शुभनीत कौशिक