शोएब दानियाल
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पांच तथ्य जो इस धारणा को चुनौती देते हैं कि औरंगजेब हिंदुओं के लिए सबसे बुरा शासक था
औरंगजेब के बारे में ज्यादातर प्रचलित धारणाएं उसे दुर्दांत और दमनकारी शासक बताती हैं
शोएब दानियाल
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अतीत का एक अध्याय वह भी है जब मराठों ने एक मंदिर तोड़ा और टीपू सुल्तान ने उसे फिर बनवाया!
यह घटना टीपू सुल्तान की उस छवि से बिल्कुल जुदा है जिसके मुताबिक वह एक कट्टर मुसलमान शासक था, साथ ही यह मराठों के हिंदू रक्षक होने की छवि भी तोड़ती है
शोएब दानियाल
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भारतीय मुसलमानों में ‘रमजान’ की जगह ‘रमदान’ कहने का चलन क्यों बढ़ रहा है?
रमजान और इस जैसे दूसरे कई शब्द भारतीय उपमहाद्वीप में इस्लामिक संस्कृति की पहचान रहे हैं और इनका चलन से बाहर होना सिर्फ धार्मिक मामला नहीं है
शोएब दानियाल
लोकप्रिय
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काकोरी कांड : जिसने देश में क्रांतिकारियों के प्रति जनता का नजरिया बदल दिया था
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बिरसा मुंडा : जिनके उलगुलान और बलिदान ने उन्हें 'भगवान' बना दिया
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मुंह से खून आना सिर्फ टीबी का लक्षण नहीं है, तो फिर इसका मतलब और क्या-क्या हो सकता है?
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ट्रिपल एक्स : जहां दीपिका अपने अभिनय से ज्यादा दूसरी वजह से महत्वपूर्ण हैं
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घनश्याम दास बिड़ला: हिंदुस्तान की औद्योगिक क्रांति का जनक जो खुद को व्यापारी नहीं मानता था
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विदेशों में कोरोना वायरस के मरीज अस्पताल जा रहे हैं, पर भारत में कई वहां से भाग क्यों रहे हैं?
भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें मरीज अस्पतालों या आइसोलेशन वार्डों से भाग गए
शोएब दानियाल
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इतिहास बताता है कि रंग की तरह भंग का भी होली से अटूट संबंध है
अथर्ववेद में जिन पांच पेड़-पौधों को सबसे पवित्र माना गया है, उनमें भांग का पौधा भी शामिल है
शोएब दानियाल
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बंगाल की एक अपनी कांवड़ यात्रा जिसके बारे में ज्यादातर बंगालियों को भी नहीं पता!
कल से बंगाली नववर्ष शुरू हो चुका है, ठीक इसके पहले आयोजित होने वाली इस कांवड़ यात्रा की सुंदरबन इलाके में काफी मान्यता है
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क्विज
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क्विज़: आप इरफान खान के कितने बड़े फैन हैं?
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क्विज: क्या आप एसपी बालासुब्रमण्यम को चाहने वालों में से एक हैं?
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क्विज़: अदालत की अवमानना के तहत आप पर कब कार्रवाई हो सकती है?
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इस साल हज यात्रा पर रोक लगााए जाने के अलावा आप इसके बारे में क्या जानते हैं?
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क्विज: भारत-चीन सीमा विवाद के बारे में आप कितना जानते हैं?
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बंगालियों का नववर्ष अकबर के बनवाए कैलेंडर के हिसाब से शुरू क्यों होता है?
अकबर ने एक नए धर्म ‘दीन ए इलाही’ के साथ नए कैलेंडर ‘तारीख ए इलाही’ की स्थापना की थी, जो बंगाली समुदाय के अपनाने की वजह से आज भी चलन में है
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इस रिपोर्ट की मानें तो मोदी सरकार ने नोटबंदी का फ़ैसला बिलकुल अतार्किक आधार पर किया था
नोटबंदी के करीब 15 महीने बाद रिजर्व बैंक के आंकड़े बता रहे हैं कि नोटबंदी से ठीक पहले जितना कैश था, अब उससे ज्यादा कैश सर्कुलेशन में आ चुका है
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जब राेहिंग्या मुसलमानों की तरह भारतीयों को भी म्यांमार से पलायन करना पड़ा था
1930 के दशक में रंगून नगर निगम को 55 फीसदी संपत्ति कर भारतीयों से ही मिलता था. लेकिन फिर उनके साथ वही हुआ जो आज रोहिंग्याओं के साथ हो रहा है
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समाज और संस्कृति
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जिंदगी का शायद ही कोई रंग या फलसफा होगा जो शैलेंद्र के गीतों में न मिलता हो
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रानी लक्ष्मीबाई : झांसी की वह तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं
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किस्से जो बताते हैं कि आम से भी भारत खास बनता है
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क्यों तरुण तेजपाल को सज़ा होना उनके साथ अन्याय होता, दूसरे पक्ष के साथ न्याय नहीं
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कार्ल मार्क्स : जिनके सबसे बड़े अनुयायियों ने उनके स्वप्न को एक गैर मामूली यातना में बदल दिया
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अतीत का एक अध्याय वह भी है जब मराठों ने एक मंदिर ध्वस्त किया और टीपू सुल्तान ने उसे फिर बनवाया!
यह घटना टीपू सुल्तान की उस छवि से बिल्कुल जुदा है जिसके मुताबिक वह एक कट्टर मुसलमान शासक था. यह मराठों के हिंदू रक्षक शासक होने की छवि भी तोड़ती है
शोएब दानियाल
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एक वक्त था जब भारत कश्मीर में जनमत संग्रह चाहता था और पाकिस्तान ने मना कर दिया था
नवंबर, 1947 में भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन ऐसा एक प्रस्ताव लेकर लाहौर गए थे, लेकिन मोहम्मद अली जिन्ना ने इसे ठुकरा दिया था
शोएब दानियाल
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तीन उपाय जिनसे राज्य सभा हाईकमान के प्रतिनिधियों के बजाय वास्तव में राज्यों का सदन बन सकती है
राज्य सभा के पीछे की सोच यह थी कि इसमें वे प्रतिनिधि आएं जो संबंधित राज्यों के ही मूल निवासी हों. लेकिन अब यह पार्टी के बड़े नेताओं के लिए पिछला दरवाजा बन गई है
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विशेष रिपोर्ट
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सर्दी हो या गर्मी, उत्तर प्रदेश में किसानों की एक बड़ी संख्या अब खेतों में ही रात बिताती है
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कैसे किसान आंदोलन इसमें शामिल महिलाओं को जीवन के सबसे जरूरी पाठ भी पढ़ा रहा है
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हमारे पास एक ही रेगिस्तान है, हम उसे सहेज लें या बर्बाद कर दें
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क्या आढ़तिये उतने ही बड़े खलनायक हैं जितना उन्हें बताया जा रहा है?
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक गांव जो पानी और सांप्रदायिकता जैसी मुश्किलों का हल सुझाता है