खेल
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मोहम्मद अली : जिनका बड़बोलापन शायद दुनिया से उनका प्रतिशोध था
मोहम्मद अली में कई चीज़ें थीं जिनसे समझदार आदमी को नाक-भौं सिकोड़नी चाहिए. लेकिन इन सभी पर वह सच्चाई भारी थी जिससे लड़ते हुए वे अपने मुकाम तक पहुंचे
प्रियदर्शन
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राहुल द्रविड़ की ये पांच पारियां बताती हैं कि क्यों गेंदबाज उन्हें ‘दीवार’ कहने को मजबूर हो गए थे
आज राहुल द्रविड़ का जन्मदिन है
अभय शर्मा
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सत्याग्रह कुछ दिनों के अवकाश पर है!
हम शीघ्र ही अपने नए स्वरूप में, नई ताज़गी और कुछ अलग तरह के उत्पादों के साथ पूरी तरह से आपसे जुड़ेंगे
सत्याग्रह ब्यूरो
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सीके नायडू : भारत का पहला टेस्ट कप्तान जिसे इंग्लैंड के अखबारों ने ‘हिंदू ब्रेडमैन’ कहा
1932 में इंग्लैंड के ही खिलाफ भारत ने अपने क्रिकेट इतिहास का पहला टेस्ट खेला था. कई रोचक घटनाक्रमों के बाद कप्तानी कर्नल सीके नायडू को मिली थी
अनुराग शुक्ला
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रिकॉर्डों की परवाह करते तो वे सहवाग नहीं होते
तकनीक और परंपरा से ज्यादा वीरेंद्र सहवाग का खेल सामने से आती गेंद पर सहज प्रतिक्रिया से चलता था
विकास बहुगुणा
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वीरेंद्र सहवाग: एक खिलाड़ी खुद समय जिसके प्रेम में पड़ गया था
ऐसा वीरेंद्र सहवाग के मामले में ही हो सकता था कि गेंद एक ही पल में बल्ले के पास और सीमा रेखा के बाहर दिखाई दे
चंदन पांडेय
क्विज
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क्विज़: आप इरफान खान के कितने बड़े फैन हैं?
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क्विज: क्या आप एसपी बालासुब्रमण्यम को चाहने वालों में से एक हैं?
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क्विज़: अदालत की अवमानना के तहत आप पर कब कार्रवाई हो सकती है?
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इस साल हज यात्रा पर रोक लगााए जाने के अलावा आप इसके बारे में क्या जानते हैं?
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क्विज: भारत-चीन सीमा विवाद के बारे में आप कितना जानते हैं?
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प्रेमचंद ने जब-जब क्रिकेट पर लिखा तो वह भी सिर्फ एक खेल भर की बात नहीं थी
मुंशी प्रेमचंद ने न केवल अपने साहित्य में क्रिकेट को शामिल किया बल्कि इस खेल पर उन्होंने अखबार में भी कई लेख लिखे थे
शुभनीत कौशिक
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कोरोना काल में हुआ यह क्रिकेट राष्ट्रवाद-नस्लवाद से दूर रही अपनी कमेंटरी के चलते भी शानदार था
मेरे सबसे पसंदीदा तीनों कमेंटेटरों की दो साझा खासियतें हैं - पहली, क्रिकेट के इतिहास और तकनीक की व्यापक समझ और दूसरी, चीजों को निष्पक्ष होकर देखना
रामचंद्र गुहा
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किस्मत से क्रिकेटर बने अजीत वाडेकर ने भारत को विदेशी पिचों पर जीतना सिखाया था
1971 के इंंग्लैंड दौरे में भारत की जीत के बाद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अजीत वाडेकर की टीम को बधाई देना चाहती थीं, इसलिए बंबई की फ्लाइट घुमाकर दिल्ली लाई गई
अनुराग शुक्ला
समाज और संस्कृति
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जिंदगी का शायद ही कोई रंग या फलसफा होगा जो शैलेंद्र के गीतों में न मिलता हो
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रानी लक्ष्मीबाई : झांसी की वह तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं
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किस्से जो बताते हैं कि आम से भी भारत खास बनता है
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क्यों तरुण तेजपाल को सज़ा होना उनके साथ अन्याय होता, दूसरे पक्ष के साथ न्याय नहीं
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कार्ल मार्क्स : जिनके सबसे बड़े अनुयायियों ने उनके स्वप्न को एक गैर मामूली यातना में बदल दिया
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इस साल टी-20 विश्वकप नहीं होगा, आईपीएल का रास्ता साफ
ऑस्ट्रेलिया में इस साल होने वाला टी20 क्रिकेट विश्वकप अब अगले साल आयोजित किया जाएगा
सत्याग्रह ब्यूरो
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स्टेफी ग्राफ : जिनके रिकॉर्ड दो दशक बाद भी कायम हैं
महिला टेनिस की दुनिया में 377 हफ्तों तक नंबर एक रही जर्मनी की स्टेफी ग्राफ आज 51 साल की हो गई हैं
राम यादव
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सनराइजर्स के अपने साथियों से पूछूंगा कि वे मुझे कालू क्यों कहते थे : डैरेन सैमी
वेस्टइंडीज की क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान डैरेन सैमी ने सनराइजर्स हैदराबाद में उनके साथ खेल चुके भारतीय खिलाड़ियों पर नस्लभेद का आरोप लगाया है
सत्याग्रह ब्यूरो
विशेष रिपोर्ट
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सर्दी हो या गर्मी, उत्तर प्रदेश में किसानों की एक बड़ी संख्या अब खेतों में ही रात बिताती है
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कैसे किसान आंदोलन इसमें शामिल महिलाओं को जीवन के सबसे जरूरी पाठ भी पढ़ा रहा है
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हमारे पास एक ही रेगिस्तान है, हम उसे सहेज लें या बर्बाद कर दें
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क्या आढ़तिये उतने ही बड़े खलनायक हैं जितना उन्हें बताया जा रहा है?
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक गांव जो पानी और सांप्रदायिकता जैसी मुश्किलों का हल सुझाता है