तब्बू
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दे दे प्यार दे : जो बदले में प्रगतिशील होने का दिखावा भी मुफ्त देती है
शुभम उपाध्याय
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गोलमाल अगेन : इस बार हास्य नहीं, कहानी गले की फांस बनी है
शुभम उपाध्याय
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पॉपकॉर्न : ‘मेरी जिंदगी में अगर प्यार एक फितूर होता तो मैं अभी तक अकेली नहीं होती’
सत्याग्रह ब्यूरो
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'मुझे कुछ खामियां दिखती हैं'
सत्याग्रह ब्यूरो
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30 पार की पांच अभिनेत्रियां जो 50 के खानों वाली इंडस्ट्री का दस्तूर बदल रहीं हैं
शुभम उपाध्याय
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दृश्यम : उधार की सोने सी स्क्रिप्ट जिसपर अच्छे अभिनय का सुहागा नहीं है
शुभम उपाध्याय