मैं सोचती हूं
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वर्जिनिटी हमारी है, लेकिन हमारे लिए नहीं है, तो हम इसकी फिक्र क्यों करें!
गायत्री आर्य
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अपने कपड़ों से हमें खुद को ढकना ही नहीं न जाने कितने पैरामीटर्स पर खरा भी उतरना होता है
गायत्री आर्य प्रदीपिका सारस्वत अंजलि मिश्रा
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जाने क्यों हमारे और खाने के बीच में संस्कार से लेकर बाजार तक, न जाने क्या-क्या आ जाता है!
प्रदीपिका सारस्वत
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लहंगा और सेक्स शादी से पहले लड़कियों के दिमाग में बने रहने वाले दो सबसे जरूरी मुद्दे हैं
गायत्री आर्य प्रदीपिका सारस्वत अंजलि मिश्रा
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मुल्ला जी की दौड़ मस्जिद तक और हम लड़कियों की पार्लर तक, कभी नहीं रुकने वाली!
गायत्री आर्य
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पहली नौकरी से हम अपने खाते में सिर्फ सैलेरी नहीं आजादी और सम्मान भी क्रेडिट कर लेना चाहती हैं
अंजलि मिश्रा
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रात को दिल्ली में किसी लड़की के अकेले होने का मतलब दिमाग की सबसे मुश्किल एक्सरसाइज भी है
गायत्री आर्य
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क्या महिलाएं सिर्फ महिला होने की वजह से ही सम्मान की अधिकारी हो सकती हैं?
अंजलि मिश्रा