राधिका आप्टे
-
इन दिनों इंटरनेट पर धूम मचा रहीं राधिका आप्टे की पहली फिल्म देखना कैसा अनुभव है?
अंजलि मिश्रा
-
बॉम्बैरिया : अराजकता की यह अति बैरिया तो है लेकिन कहीं-कहीं मज़ा भी दे जाती है
अंजलि मिश्रा
-
घूल : इसका हॉरर तो चित नहीं करता, लेकिन चेती हुई राजनीतिक समझ अमिट छाप जरूर छोड़ती है
शुभम उपाध्याय
-
पार्च्ड : मादा जिस्म के रंग और गंध से सजा सपना, जो आजादी-आजादी चीखता तमाम पलकों में पलता है
अंजलि मिश्रा
-
'न्यूड सीन करना कोई बड़ी बात नहीं है. ऐसे सीन्स पर विवाद होने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता'
सत्याग्रह ब्यूरो