संगीत
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मंच पर एक जगजीत वो भी थे जो सिर्फ चित्रा के होते थे
अंजलि मिश्रा
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भीमसेन जोशी : जिन्हें सुनना भारत की मिट्टी को समझना है
विकास बहुगुणा
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अल्लाह जिलाई बाई : जिनकी वजह से 'केसरिया बालम' दुनिया को राजस्थान का न्योता बन गया
पुलकित भारद्वाज
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ओपी नैयर : जो तालियों, सीटी और घोड़े की टापों से संगीत निकालते थे
अंजलि मिश्रा
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जब लता मंगेशकर ने चित्रगुप्त से कहा - आपको अपनी चप्पल पर यकीन है, हमारे गाने पर नहीं
अनुराग भारद्वाज
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कुमार गंधर्व : जो सिर्फ पदवी से ‘कुमार’ थे, बाकी तो कहीं ‘सवाई’ से कम न थे
नीलेश द्विवेदी
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कुमार गंधर्व : जिन्हें सोच से आगे का संगीत दिखता था
नीलेश द्विवेदी
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फिल्म संगीत को अगर दो युगों में बांटा जाए तो एक पंचम दा के पहले का होगा और दूसरा उनके बाद का
शुभम उपाध्याय
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भूपेन हज़ारिका असम के चाय बागानों की खुशबू हिंदी संगीत में लेकर आए थे
अनुराग भारद्वाज
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एसडी बर्मन के कहने पर ही किशोर कुमार ने अपनी आवाज को पहचाना था
अंबर श्रीवास्तव
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बेगम अख़्तर : जिन्होंने ग़ज़ल को कोठे से निकालकर आम लोगों तक पहुंचाया
अनुराग भारद्वाज
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जिसे हम अध्यात्म कहते हैं, उसका सही अर्थ मन्ना डे की आवाज में खुलता है
प्रियदर्शन
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नुसरत फतेह अली खान ने कभी राज कपूर के लिए भी गाया था
सत्याग्रह ब्यूरो
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जगजीत सिंह के बाद अब ग़ज़ल भी विदा हो चुकी है
शुभम उपाध्याय
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बाबा जो संगीत के काशी-काबा थे
नीलेश द्विवेदी
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ऊषा खन्ना : वह महिला संगीतकार जिसने पुरुष प्रधान इंडस्ट्री में बड़े-बड़ों को टक्कर दी
अनुराग भारद्वाज
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क्विज: क्या आप एसपी बालासुब्रमण्यम को चाहने वालों में से एक हैं?
सत्याग्रह ब्यूरो
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सलिल चौधरी ने कहा था कि भगवान भी अगर गाता तो हेमंत कुमार की आवाज़ में गाता
अनुराग भारद्वाज
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हसरत जयपुरी की सादादिली हर कड़वे से कुछ बेहद मीठा निकाल सकती थी
कविता
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सलिल चौधरी : जिनके संगीत में सर्वहारा का दर्द है तो आम आदमी के जीवन की जद्दोजहद भी
अनुराग भारद्वाज