विचार-विमर्श
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हमें अब ‘भारतमाता’ के पैरोकारों से बचना है और उसके विरोधी ‘प्रोग्रेसिव रेशनलिस्टों’ से भी
हिंदूवादी राजनीति धर्म के जरिये संकीर्ण लामबंदी कर रही है तो इसके विरोध में जन्मी ‘प्रोग्रेसिव रेशनलिस्ट’ पीढ़ी इसी स्वरूप को मूल धर्म समझकर उससे घृणा कर रही है
अव्यक्त
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क्यों गांधी परिवार को अब कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ही नहीं, बल्कि पार्टी भी छोड़ देनी चाहिए
कांग्रेस में गांधी परिवार के शीर्ष पर होने से भाजपा को कई तरह के फायदे होते हैं
रामचंद्र गुहा
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नरेंद्र मोदी, डोनाल्ड ट्रंप और बोरिस जॉनसन में जितनी समानताएं हैं उससे ज्यादा असमानताएं हैं
दुनिया के सबसे विशाल, समृद्ध और प्राचीन लोकतंत्रों की कमान थामे नरेंद्र मोदी, डोनाल्ड ट्रंप और बोरिस जॉनसन कुछ मायनों में एक जैसे हैं तो कुछ में जुदा
रामचंद्र गुहा
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भारत में न्याय अब एक ऐसा शब्द है जो अपना मतलब खोता जा रहा है
भारत में न्याय की चौखट पर वर्ग, जाति और धर्म के आधार पर लंबे समय से भेदभाव होता रहा है. लेकिन हमारे इन निम्न मानदंडों के लिहाज से भी आज का समय असाधारण है
रामचंद्र गुहा
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आप एक साथ मोदी समर्थक और गांधी विरोधी कैसे हो सकते हैं?
नरेंद्र मोदी जितनी शिद्दत और श्रद्धा से महात्मा गांधी का जिक्र करते नजर आते हैं, उनके कई समर्थक उतनी ही शिद्दत और घृणा से गांधीजी को गालियां देते हैं
अंजलि मिश्रा
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बलात्कार-मुक्त समाज हम बना तो सकते हैं, लेकिन उसकी शुरुआत कैसे और कहां से हो?
सिर्फ कानून-प्रशासन के जरिए बलात्कार-मुक्त समाज बनाने की कोशिश एक धोखे से ज्यादा कुछ नहीं है
अव्यक्त
क्विज
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क्विज़: आप इरफान खान के कितने बड़े फैन हैं?
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क्विज: क्या आप एसपी बालासुब्रमण्यम को चाहने वालों में से एक हैं?
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क्विज़: अदालत की अवमानना के तहत आप पर कब कार्रवाई हो सकती है?
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इस साल हज यात्रा पर रोक लगााए जाने के अलावा आप इसके बारे में क्या जानते हैं?
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क्विज: भारत-चीन सीमा विवाद के बारे में आप कितना जानते हैं?
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राजनीति सहित तमाम क्षेत्रों में नेतृत्व की मौजूदा पीढ़ी सतीश धवन के जीवन से कई सबक ले सकती है
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम जिन्हें अपना नायक मानते थे उन सतीश धवन का यह जन्म शताब्दी वर्ष है
रामचंद्र गुहा
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2020 में हम भारतीयों को 1920 के इटली को जानने की जरूरत क्यों है?
इटली के उस अतीत से हमें भारत के वर्तमान और भविष्य को समझने में मदद मिल सकती है
रामचंद्र गुहा
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कोरोना काल में हुआ यह क्रिकेट राष्ट्रवाद-नस्लवाद से दूर रही अपनी कमेंटरी के चलते भी शानदार था
मेरे सबसे पसंदीदा तीनों कमेंटेटरों की दो साझा खासियतें हैं - पहली, क्रिकेट के इतिहास और तकनीक की व्यापक समझ और दूसरी, चीजों को निष्पक्ष होकर देखना
रामचंद्र गुहा
समाज और संस्कृति
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जिंदगी का शायद ही कोई रंग या फलसफा होगा जो शैलेंद्र के गीतों में न मिलता हो
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रानी लक्ष्मीबाई : झांसी की वह तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं
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किस्से जो बताते हैं कि आम से भी भारत खास बनता है
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क्यों तरुण तेजपाल को सज़ा होना उनके साथ अन्याय होता, दूसरे पक्ष के साथ न्याय नहीं
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कार्ल मार्क्स : जिनके सबसे बड़े अनुयायियों ने उनके स्वप्न को एक गैर मामूली यातना में बदल दिया
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एक समय था जब भारत की एक कहानी हुआ करती थी
हमारी फिसलन की शुरुआत मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे कार्यकाल में हुई थी जो अब लगातार तेज होती जा रही है
रामचंद्र गुहा
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अगस्त क्रांति दिवस : जब गांधी की भाषा अग्नि में पड़े कुंदन की तरह दमक उठी थी
1942 के उस दौर में गांधी पर तीखे से तीखे वैचारिक हमले हुए, लेकिन तब इसी अनुपात में वे सधी हुई राजनीतिक भाषा से सबको साधते हुए आगे बढ़ रहे थे
अव्यक्त
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नई पीढ़ियां जिस राम को जानेंगी वह तुलसी का राम होगा, कबीर का? या फिर ठेठ राजनीतिक राम?
हमारे समाज में अयोध्या वाले किन्हीं दशरथ के बेटे राम से बहुत पहले से ही राम एक समृद्ध आध्यात्मिक और मुक्तिकारी चिंतन का हिस्सा रहे हैं
अव्यक्त
विशेष रिपोर्ट
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सर्दी हो या गर्मी, उत्तर प्रदेश में किसानों की एक बड़ी संख्या अब खेतों में ही रात बिताती है
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कैसे किसान आंदोलन इसमें शामिल महिलाओं को जीवन के सबसे जरूरी पाठ भी पढ़ा रहा है
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हमारे पास एक ही रेगिस्तान है, हम उसे सहेज लें या बर्बाद कर दें
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क्या आढ़तिये उतने ही बड़े खलनायक हैं जितना उन्हें बताया जा रहा है?
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक गांव जो पानी और सांप्रदायिकता जैसी मुश्किलों का हल सुझाता है