पुस्तक अंश
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वन अरेंज्ड मर्डर: ‘जब प्यार में आप किसी को गुझिया बुलाने लगें तो ज़रा रुककर सोचना चाहिए’
वेस्टलैंड पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित, चेतन भगत की किताब ‘वन अरेंज्ड मर्डर’ का एक अंश
सत्याग्रह ब्यूरो
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‘संघ की आत्मनिर्भरता उसे किसी भी दूसरे सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संगठन से अलग बनाती है’
वेस्टलैंड पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित, विजय त्रिवेदी की किताब ‘संघम शरणम गच्छामि’ का एक अंश
सत्याग्रह ब्यूरो
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‘...उस बहमनी सुल्तान को ‘दक्कन का अरस्तू’ भी कहा गया’
वेस्टलैंड पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित, साहित्य अकादमी से पुरस्कृत लेखक मनु एस पिल्लई की किताब ‘बाग़ी सुल्तान’ का एक अंश
सत्याग्रह ब्यूरो
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‘मंदिर को बचाने की कोशिश में थे, कैसे मुसलमान हो तुम?’
वेस्टलैंड पब्लिकेशन से प्रकाशित जाने-माने लेखक अमीश त्रिपाठी के उपन्यास ‘सुहेलदेव’ का एक अंश
सत्याग्रह ब्यूरो
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इरफ़ान : ‘मैं और सुतपा एक ही ढंग से सोचते थे, यहीं से सारी गड़बड़ शुरू हुई’
इरफ़ान और सुतपा से साल 2010 में हुई जाने-माने फिल्म पत्रकार अजय ब्रह्मात्मज की यह बातचीत अब उनकी किताब ‘इरफ़ान ...और कुछ पन्ने अधूरे रह गए’ का हिस्सा बन चुकी है
सत्याग्रह ब्यूरो
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रंगी लाल गली: ‘...तो हमारे घर में धन की बारिश होगी!’
वेस्टलैंड पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित, स्वाति गौतम के रहस्य उपन्यास ‘रंगी लाल गली’ का एक अंश
सत्याग्रह ब्यूरो
क्विज
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क्विज़: आप इरफान खान के कितने बड़े फैन हैं?
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क्विज: क्या आप एसपी बालासुब्रमण्यम को चाहने वालों में से एक हैं?
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क्विज़: अदालत की अवमानना के तहत आप पर कब कार्रवाई हो सकती है?
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इस साल हज यात्रा पर रोक लगााए जाने के अलावा आप इसके बारे में क्या जानते हैं?
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क्विज: भारत-चीन सीमा विवाद के बारे में आप कितना जानते हैं?
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‘यही सच है’ के ‘रजनीगंधा’ बनने की धैर्य-कथा
राजकमल द्वारा प्रकाशित किताब ‘रजनीगंधा: पटकथा’ की भूमिका लिखते हुए मन्नू भंडारी ने अपनी एक कहानी के फिल्म बनने और सुपरहिट होने का दिलचस्प किस्सा बताया है
सत्याग्रह ब्यूरो
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‘...और इस तरह स्वर्णदेश चमत्कारों का देश बन गया’
राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित मनोज कुमार पांडेय के कहानी संग्रह ‘बदलता हुआ देश’ का एक अंश
सत्याग्रह ब्यूरो
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‘जो चीज हमेशा हमारे साथ रहती है, उसी के बारे में हम डॉक्टरों या ज्योतिषियों से पूछने जाते हैं’
चुप्पियों से कहानियां कहने वाले निर्मल वर्मा के उपन्यास ‘अंतिम अरण्य’ का एक अंश
सत्याग्रह ब्यूरो
समाज और संस्कृति
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जिंदगी का शायद ही कोई रंग या फलसफा होगा जो शैलेंद्र के गीतों में न मिलता हो
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रानी लक्ष्मीबाई : झांसी की वह तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं
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किस्से जो बताते हैं कि आम से भी भारत खास बनता है
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क्यों तरुण तेजपाल को सज़ा होना उनके साथ अन्याय होता, दूसरे पक्ष के साथ न्याय नहीं
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कार्ल मार्क्स : जिनके सबसे बड़े अनुयायियों ने उनके स्वप्न को एक गैर मामूली यातना में बदल दिया
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जब उषा उथुप अपने करियर के शुरूआती दौर में ही मंगेशकर बहनों के दबदबे का शिकार बन गईं
देवानंद की फ़िल्म ‘हरे रामा, हरे कृष्णा’ के गीत ‘दम मारो दम’ की रिहर्सल उषा उथुप से करवाने के बाद उसे आशा भोंसले को दे दिया गया था
सत्याग्रह ब्यूरो
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रुक जाना नहीं: एक सबक जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालों को हमेशा याद रखना चाहिए
एका पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित, आईएएस निशांत जैन की चर्चित किताब ‘रुक जाना नहीं’ का एक अंश
सत्याग्रह ब्यूरो
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वैधानिक गल्प: उस वक्त मैं कुछ भी था, लेखक नहीं था
राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित, लेखक और अनुवादक चंदन पांडेय की नागरिक त्रयी की पहली किस्त ‘वैधानिक गल्प’ का एक अंश
सत्याग्रह ब्यूरो
विशेष रिपोर्ट
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सर्दी हो या गर्मी, उत्तर प्रदेश में किसानों की एक बड़ी संख्या अब खेतों में ही रात बिताती है
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कैसे किसान आंदोलन इसमें शामिल महिलाओं को जीवन के सबसे जरूरी पाठ भी पढ़ा रहा है
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हमारे पास एक ही रेगिस्तान है, हम उसे सहेज लें या बर्बाद कर दें
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क्या आढ़तिये उतने ही बड़े खलनायक हैं जितना उन्हें बताया जा रहा है?
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक गांव जो पानी और सांप्रदायिकता जैसी मुश्किलों का हल सुझाता है