स्त्री
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करवाचौथ : समानता के दौर में भेद का उत्सव!
पुरुषों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी करवाचौथ का व्रत उन्हें स्त्री से श्रेष्ठ और ज्यादा कीमती ठहराता है. फिर यह स्त्रियों का त्यौहार कैसे हुआ?
गायत्री आर्य
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भारत में स्त्रीस्वरूप की पूजा तभी हो सकती है जब वह शेर पर सवार हो
जिस दिन सांस लेती औरत का सच्चा सम्मान होगा उस दिन नवरात्र में भक्ति के साथ सार्थकता का भी रंग होगा
सत्याग्रह ब्यूरो
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क्यों एशियाड में महिला खिलाड़ियों का पदक जीतना पुरुष खिलाड़ियों से कहीं ज्यादा बड़ी उपलब्धि है
पुरुष खिलाड़ियों को शायद ठीक से अहसास भी नहीं होगा कि एक लड़की को खिलाड़ी बनने के लिये कितनी बुनियादी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है
गायत्री आर्य
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एक ही चीज है जो हिंसा और उपेक्षा में भी पनपती है, बेटियां!
लड़कियों के खिलाफ चौतरफा बढ़ रही हिंसा के बावजूद भारतीय समाज में बेटियों की बढ़ती चाह के पीछे कौन से कारण हो सकते हैं?
गायत्री आर्य
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आधी आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए संविधान और गणतंत्र आज भी दूसरे ग्रह के शब्द क्यों हैं?
भारत को गणतंत्र बने 68 साल हो गए. पर स्त्री का जो दिमाग रचनात्मकता में लगकर देश को और आगे पहुंचा सकता था वह सिर्फ खुद को बचाने की जुगत में खर्च हो जा रहा है
गायत्री आर्य
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शिक्षा में अगुवा राज्यों का तलाक के मामले में भी आगे होना अच्छी खबर भी है और बुरी भी?
तलाक के मामलों की बढ़ती संख्या परिवार नाम की संस्था में उन बदलावों की जरूरत का संकेत है जो लंबे समय से बकाया हैं
गायत्री आर्य
क्विज
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क्विज़: आप इरफान खान के कितने बड़े फैन हैं?
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क्विज: क्या आप एसपी बालासुब्रमण्यम को चाहने वालों में से एक हैं?
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क्विज़: अदालत की अवमानना के तहत आप पर कब कार्रवाई हो सकती है?
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इस साल हज यात्रा पर रोक लगााए जाने के अलावा आप इसके बारे में क्या जानते हैं?
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क्विज: भारत-चीन सीमा विवाद के बारे में आप कितना जानते हैं?
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स्त्री को दुनिया में सबसे सुंदर कहने की गुत्थी क्या है?
जो देह स्त्री के संत्रास का कारण बनी हुई है उसे पूरी सृष्टि में सुंदरतम क्यों कहा जा रहा है?
गायत्री आर्य
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पीरियड्स : दाग इतने बुरे नहीं कि शर्मिंदगी हो, पर इतने अच्छे भी नहीं कि उनका ढिंढोरा पीटा जाए
पीरियड्स को लेकर जागरूकता के नाम पर जो हो रहा है उससे कोई सार्थक राह निकलने के बजाय इस गंभीर मुद्दे के किसी चटखारे वाले विषय में बदलने का खतरा ज्यादा है
गायत्री आर्य
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सभ्यता के सबसे पुराने रोग पर 21वीं सदी में भी चुप्पी क्यों है?
यौन रोग के मुद्दे पर यह चुप्पी आधी आबादी या दूसरी तरह से कहें तो हमारे समाज के एक बड़े हिस्से की रचनात्मक ऊर्जा को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही है
गायत्री आर्य
समाज और संस्कृति
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जिंदगी का शायद ही कोई रंग या फलसफा होगा जो शैलेंद्र के गीतों में न मिलता हो
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रानी लक्ष्मीबाई : झांसी की वह तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं
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किस्से जो बताते हैं कि आम से भी भारत खास बनता है
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क्यों तरुण तेजपाल को सज़ा होना उनके साथ अन्याय होता, दूसरे पक्ष के साथ न्याय नहीं
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कार्ल मार्क्स : जिनके सबसे बड़े अनुयायियों ने उनके स्वप्न को एक गैर मामूली यातना में बदल दिया
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जब हमने पश्चिम के तमाम चलन अपना लिए हैं तो वैवाहिक बलात्कार पर कानून से क्या परेशानी है?
वैवाहिक बलात्कार को सिर्फ इसलिए गैरकानूनी घोषित न करना गलत है कि यह भारतीय परंपरा का हिस्सा नहीं है. लेकिन उससे पहले व्यापक चर्चा के जरिये एक ठोस जमीन तैयार करनी होगी.
गायत्री आर्य
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लक्ष्मी के लिए हुई इस पहल को आगे बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है
तेजाब हमले की शिकार लक्ष्मी को सूरत की एक कंपनी ने अपना मॉडल बनाया है. ऐसे पीड़ितों को लेकर समाज का जो रवैय्या होता है उसे देखते हुए इस पहल के मायने काफी बड़े हैं.
गायत्री आर्य
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क्या पीरियड्स सिर्फ स्त्रियों की समस्या है?
यदि मासिक धर्म या पीरियड्स पूरे परिवार और समाज के लिए भी कोई जरूरी मुद्दा है, तो इसे घर के पुरुषों से दूर और दबाकर क्यों रखना चाहिए?
गायत्री आर्य
विशेष रिपोर्ट
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सर्दी हो या गर्मी, उत्तर प्रदेश में किसानों की एक बड़ी संख्या अब खेतों में ही रात बिताती है
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कैसे किसान आंदोलन इसमें शामिल महिलाओं को जीवन के सबसे जरूरी पाठ भी पढ़ा रहा है
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हमारे पास एक ही रेगिस्तान है, हम उसे सहेज लें या बर्बाद कर दें
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क्या आढ़तिये उतने ही बड़े खलनायक हैं जितना उन्हें बताया जा रहा है?
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक गांव जो पानी और सांप्रदायिकता जैसी मुश्किलों का हल सुझाता है