चुनाव
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तेलंगाना का एक नगर निगम चुनाव भाजपा के लिए इतना बड़ा क्यों बन गया है?
हैदराबाद के नगर निगम चुनाव में भाजपा ने अमित शाह से लेकर योगी आदित्यनाथ तक, अपने स्टार प्रचारकों की पूरी फ़ौज उतार दी है
अभय शर्मा
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कैसे अरविंद केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी के दांवों से ही भाजपा को दिल्ली में पटखनी दी है
दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल ने न सिर्फ भाजपा को कोई मौका नहीं दिया बल्कि खुद उन्हें मिला कोई मौका चूके भी नहीं
पुलकित भारद्वाज
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जिस ‘देश के गद्दारों...’ के भरोसे भाजपा ने दिल्ली चुनाव लड़ा वह आया कहां से और जायेगा कहां?
यह नारा नेशनल मीडिया का हिस्सा पिछले साल दिसंबर में बना लेकिन भाषाई जानकार बताते हैं कि इसकी शुरूआत बेहद प्रचलित और पुराने एक नारे से हुई होगी
अंजलि मिश्रा
लोकप्रिय
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रानी लक्ष्मीबाई : झांसी की वह तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं
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स्टालिन : जिसके अत्याचारों से उसका परिवार भी बच नहीं सका था
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तापमान बढ़े या तनाव, हमें पसीना क्यों आने लगता है?
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हार्ट अटैक का आपको कितना खतरा है और इसका दर्द कैसा होता है, यह पहचान कैसे की जाए?
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‘कमजोरी लगना’ कौन-कौन सी बीमारियों का लक्षण हो सकता है?
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क्या भाजपा के लिए सिर्फ नरेंद्र मोदी के नाम पर विधानसभा चुनाव जीतने के दिन लद गये हैं?
भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद के ज्यादातर विधानसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के नाम पर ही जीते थे
हिमांशु शेखर
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क्या भाजपा ने झारखंड में अपनी राह खुद ही इतनी मुश्किल कर ली है?
जब बाबूलाल मरांडी की पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया तो भाजपा को लगा था कि इससे महागठबंधन की संभावनाएं थोड़ी कमजोर और उसकी मजबूत होंगी
हिमांशु शेखर
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पांच फायदे जो लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से हो सकते हैं
कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘एक देश, एक चुनाव’ के मुद्दे पर आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से किनारा कर लिया है
हिमांशु शेखर
क्विज
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क्विज़: आप इरफान खान के कितने बड़े फैन हैं?
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क्विज: क्या आप एसपी बालासुब्रमण्यम को चाहने वालों में से एक हैं?
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क्विज़: अदालत की अवमानना के तहत आप पर कब कार्रवाई हो सकती है?
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इस साल हज यात्रा पर रोक लगााए जाने के अलावा आप इसके बारे में क्या जानते हैं?
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क्विज: भारत-चीन सीमा विवाद के बारे में आप कितना जानते हैं?
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जिन आरोपों को आधार बनाकर प्रज्ञा ठाकुर ने हेमंत करकरे को ‘श्राप’ दिया उनका सच क्या है?
‘साध्वी’ प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने पिछले दिनों दावा किया था कि महाराष्ट्र एटीएस के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे उनके ‘श्राप’ की वजह से आतंकियों के हाथों मारे गए थे
दुष्यंत कुमार
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लोकसभा चुनावों के बाद कौन सी तीन राजनीतिक परिस्थितियां बन सकती हैं?
नरेंद्र मोदी और अमित शाह की अगुवाई वाली भाजपा आज एक साल पहले वाली मजबूत स्थिति में नहीं दिखती. तो लोकसभा चुनाव के बाद क्या-क्या हो सकता है?
हिमांशु शेखर
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दुनिया में इस साल होने वाले पांच चुनाव जिनके नतीजों पर सभी की नजरें हैं
इन चुनावों को लेकर ख़ास बात यह भी है कि इनके नतीजे विश्व राजनीति को पलटने का माद्दा रखते हैं
सत्याग्रह ब्यूरो
समाज और संस्कृति
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लार्ड डेनिंग: जिन्हें पत्नियों को अधिकार दिलाने के लिए पतियों का कोपभाजन बनना पड़ा
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फणीश्वर नाथ रेणु : जो न होते तो अपने देश की आत्मा से हम कुछ और कम जुड़े होते
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कोई भी, चाहे वह कितना ही नाम-कीर्ति-हीन क्यों न हो, साधारण नहीं होता
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नानाजी देशमुख : संघ का ऐसा कार्यकर्ता जिसने मन से गांधी और जेपी को स्वीकारा था
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क्यों सावरकर बनाम गांधी की बहस में हमें इन दोनों का आपसी संबंध समझने की भी जरूरत है
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तीन चेहरे जो तेलंगाना के विधानसभा चुनावों के केंद्र में हैं
तेलंगाना के विधानसभा चुनावों की एक खास बात यह भी है कि इसमें ऐसे चेहरे बेहद कम हैं जिन्हें पूरा राज्य पहचान सकता है
हिमांशु शेखर
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आंकड़े जो बताते हैं कि पार्टियों के चुनावी खर्च की हद पर भाजपा और विपक्ष का रुख जुदा क्यों है
चुनाव आयोग की हालिया सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने पार्टियों के लिए भी चुनावों में खर्च की सीमा निर्धारित करने की मांग की थी जिसका भाजपा ने विरोध किया
हेमंत कुमार पाण्डेय
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कैसे छात्र संघ चुनावों ने अगला लोकसभा चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग को मज़बूत किया है
बीते रविवार को जेएनयू के छात्र संघ चुनाव के नतीजे आने के बाद से चर्चा है कि अगर डीयू के चुनाव भी बैलेट पेपर से होते तो एबीवीपी को वहां भी जीत नसीब नहीं होती
दुष्यंत कुमार
विशेष रिपोर्ट
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सर्दी हो या गर्मी, उत्तर प्रदेश में किसानों की एक बड़ी संख्या अब खेतों में ही रात बिताती है
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कैसे किसान आंदोलन इसमें शामिल महिलाओं को जीवन के सबसे जरूरी पाठ भी पढ़ा रहा है
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हमारे पास एक ही रेगिस्तान है, हम उसे सहेज लें या बर्बाद कर दें
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क्या आढ़तिये उतने ही बड़े खलनायक हैं जितना उन्हें बताया जा रहा है?
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक गांव जो पानी और सांप्रदायिकता जैसी मुश्किलों का हल सुझाता है